दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इसमें 26 उम्मीदवारों के नाम हैं। कांग्रेस अब तक 47 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक की दो पार्टियां- आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने हैं।
कांग्रेस ने जंगपुरा सीट से फरहाद सूरी को उतारा है। इस सीट से आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया मैदान में हैं। सिसोदिया ने इस बार अपनी सीट बदली है। सिसोदिया पिछली बार पटपड़गंज से चुनाव जीते थे। इस बार पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को टिकट दिया है।
कांग्रेस ने शकूर बस्ती से सतीश लूथरा को टिकट दिया है। यहां से आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र जैन चुनाव लड़ रहे हैं। महरौली से पुष्पा सिंह को उतारा है। महरौली से अब तक कैलाश गहलोत विधायक थे। गहलोत हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए हैं।
कांग्रेस ने केजरीवाल पर उठाए सवाल
इससे पहले दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए हैं। देवेंद्र यादव ने कहा, 'मेरा सीधा सा सवाल है, क्या वह (अरविंद केजरीवाल) मुख्यमंत्री बनने के लिए योग्य हैं? क्या कोर्ट से उन्हें फाइल पर साइन करने की मंजूरी मिल गई है? उन्होंने जो भी वादे किए थे, वह पूरे नहीं किए। वह सिर्फ घोषणाएं करते हैं। क्या वह जवाब दे सकते हैं कि इन्हें लागू कब किया जाएगा?'
दिल्ली में नहीं हो पाया कांग्रेस-AAP में गठबंधन
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही इंडिया ब्लॉक में हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थी। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। दिल्ली से पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों का गठबंधन नहीं हो सका था।
कांग्रेस लगातार खो रही जनाधार
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 8 जीती थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, 49 दिन बाद ही अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2015 और 2020 में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी।
दिल्ली में कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 25 फीसदी वोट मिले थे। जबकि, 2015 में 9.7 फीसदी और 2020 में 4.3 फीसदी वोट ही मिले थे।
यही हाल लोकसभा में भी हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटें जीती थीं। इसके बाद 2014, 2019 और फिर 2024 में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। पिछले तीन लोकसभा चुनावों से सभी सातों सीटें बीजेपी जीत रही है।