दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सोमवार को कालकाजी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। इससे पहले उन्होंने रविवार को चुनाव लड़ने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई थी। सीएम आतिशी ने कहा था कि चुनाव लड़ने के 40 लाख रुपये की जरूरत है। उन्होंने क्राउडफंडिंग के लिए कैंपेने लॉन्च किया था।
सीएम आतिशी ने रविवार को कहा था, 'मुझे चुनाव लड़ने के लिए 40 लाख रुपये की जरूरत है। मैं लोगों से अपील करती हूं कि वो हमें 100 से लेकर 1000 रुपये तक की राशि दे सकते हैं। ये हमें चुनाव लड़ने में मदद करेगी।'
आतिशी ने कहा था, 'ईमानदारी की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में मेरे क्राउडफंडिंग कैंपेन को सपोर्ट करें।' आतिशी की इस अपील के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें 19 लाख रुपये से ज्यादा का चंदा मिल गया है।
अब जब आतिशी क्राउडफंडिंग के जरिए पैसा जुटा रही हैं तो जानना जरूरी है कि आखिर ये होती क्या है? और क्या इस तरह की फंडिंग पर कोई टैक्स भी लगता है?
क्या होती है क्राउडफंडिंग?
जब भी भीड़ से पैसा जुटाया जाता है तो उसे क्राउडफंडिंग कहा जाता है। क्राउडफंडिंग का सबसे बड़ा उदाहरण 1977 में आई फिल्म 'मंथन' है। इस फिल्म को किसानों से 2-2 रुपये का चंदा लेकर बनाया गया था। इसके जरिए 5 लाख रुपये जुटाए गए थे और फिल्म बनी थी।
आजकल क्राउडफंडिंग का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। बिजनेस बढ़ाना हो, स्टार्टअप शुरू करना हो, पढ़ाई के लिए पैसा चाहिए हो या फिर किसी का इलाज करवाना हो। इन सबके लिए क्राउडफंडिंग होती है। आजकल तो सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी क्राउडफंडिंग के जरिए पैसा जुटाया जा रहा है।
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क्या टैक्स के दायरे में क्राउडफंडिंग से जुटाई रकम?
ये इस बात पर निर्भर करता है कि क्राउडफंडिंग के लिए पैसा कहां से और कितना आया है। अगर मेडिकल या शिक्षा के लिए क्राउडफंडिंग के लिए रकम जुटाई जाती है, तो उस पर टैक्स तब तक नहीं लगेगा, जब तक कि रकम 50 हजार रुपये से ज्यादा न हो और किसी गैर-रिश्तेदार व्यक्ति ने न दी हो। अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई गई है और वो रकम किसी गैर-रिश्तेदार से मिली है तो आयकर कानून की धारा 56(2)(X) के तहत टैक्स लगता है। इसी तरह से जब कोई व्यक्ति अपने कारोबार या स्टार्टअप के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए पैसा जुटाता है तो उस पर भी टैक्स लगता है, क्योंकि इसे आय माना जाता है।
क्या आतिशी पर भी लगेगा टैक्स?
नहीं। राजनीतिक पार्टियों को टैक्स देने से छूट है। आयकर कानून की धारा 13A के तहत राजनीतिक पार्टियों पर किसी भी तरह का इनकम टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, उन्हें हर साल इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी होता है।