सफाई कर्मचारियों की भर्ती के वादे पर कितनी खरी उतरी AAP? जानिए हकीकत
जब अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें तो उन्होंने सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति पर बड़े-बड़े वादे किए। दिल्ली चुनाव के बीच अब तक कितने वादे पूरे हुुए, यहां देखिए टाइमलाइन।

दिल्ली के सफाई कर्मचारी, Photo credit: Khabargaon
वादा- नए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति
"दिल्ली की सड़कों को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी नहीं हैं। दिल्ली की जनसंख्या 2011 की जनगणना के आधार को मानते हुए व आवासीय कॉलोनियों में तेजी से विस्तार को ध्यान में रखते हुए नए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।"
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 27 दिसंबर, 2024 को सफाई कर्मचारियों के साथ अपने घर पर 'चाय पर चर्चा' की। इस दौरान उन्होंने उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया। अप्रैल 2017 में दिल्ली एमसीडी के चुनाव हुए जिसमें अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर आम आदमी पार्टी जीती तो वह तीनों नगर निगमों के संविदा सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी देगी। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी यह भी सुनिश्चित करेगी कि सफाई कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन मिले।
28 वादों में से एक- सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति
दिल्ली की सत्ता पर बैठी आम आदमी पार्टी के 28 वादों में से एक वादा रहा- सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति। 2017 के दिल्ली एमसीडी चुनाव में केजरीवाल ने वादा किया था, 'हर तीन महीने में सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ता है। जब हम नगर निगमों पर शासन करेंगे तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें हर महीने की सात तारीख से पहले वेतन मिले। हम उनकी नौकरियां भी स्थायी करेंगे और उन्हें बकाया राशि भी देंगे।'
6494 सफाई कर्मचारियों को नियुक्त करने का दावा
साल 2023 में दिल्ली में सफाई कर्मचारियों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली नगर निगम (MCD) के 5 हजार सफाई कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा। वर्ष 2022 के नगर निगम चुनावों में AAP की जीत हुई थी और केजरीवाल ने दावा किया था कि इस एक साल के भीतर AAP सरकार 6494 सफाई कर्मचारियों को पक्का कर चुकी है। इसके अलावा, दीपावली पर केजरीवाल ने उत्तरी दिल्ली के करीब 6 हजार से अधिक एवजीदार सफाई कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा दिया। उत्तरी दिल्ली में लगभग 6,000 से अधिक 'एवजीदार' सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि, इन सभी ऐलानों के बावजूद, सभी सफाई कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया अभी भी जारी है।
एक साल का वादा पड़ा फीका
केजरीवाल सरकार ने सभी अनुबंध कर्मचारियों को स्थायी रोजगार देने का वादा किया लेकिन उसके बावजूद 28 दिसंबर, 2023 को दिल्ली में सैकड़ों सफाई कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया। ये बातें खुद पीड़ित कर्मचारियों ने जनसुनवाई में बताईं। दिल्ली में सैकड़ों सफाई कर्मचारी पिछले दो महीने से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें वेतन तो मिला नहीं लेकिन ठेकेदार ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
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क्या है जमीनी हकीकत?
दिल्ली में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की हकीकत यह है कि सुधार के प्रयास तो हो रहे हैं लेकिन ठेकेदारी प्रथा, समय पर वेतन न मिलना और मैनुअल स्केवेंजिंग जैसी गंभीर समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। सभी सफाई कर्मचारियों को सम्मानजनक सुविधाएं देने के लिए सरकार और नगर निगमों को तेज और सशक्त कदम उठाने की जरूरत है।
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दिल्ली में सफाई कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहा है।
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ठेकेदारों के माध्यम से नियुक्ति होने की वजह से कर्मचारियों को न तो नियमित नौकरी की सुरक्षा मिलती है और न ही सामाजिक सुरक्षा लाभ।
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ठेकेदार समय पर वेतन नहीं देते और अक्सर न्यूनतम वेतन का उल्लंघन होता है।
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सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने के वादे तो हुए लेकिन कई बार प्रक्रिया धीमी और चरणबद्ध रही है।
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दिल्ली नगर निगम (MCD) में हजारों सफाई कर्मचारी अभी भी अपनी स्थायी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
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कई सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता है।
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स्थायी कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन, छुट्टी, और अन्य लाभ ठेका कर्मचारियों को नहीं मिलते।
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सफाई कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी पर्याप्त स्तर पर नहीं हैं।
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दिल्ली सरकार और MCD द्वारा कई बार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने और ठेकेदारी प्रथा खत्म करने के बावजूद कुछ नहीं बदला।
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हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने 5,000 सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने की घोषणा की लेकिन इसकी वास्तविकता अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है।
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सफाई कर्मचारियों के संगठन बार-बार प्रदर्शन करते हैं और अपनी समस्याओं को हल करने की मांग करते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने समय-समय पर सफाई कर्मचारियों के लिए घोषणाएं की हैं। यहां देखिए टाइमलाइन
AAP- 2013, 2014, 2015, 2016 और 2017
- केजरीवाल ने दिल्ली के सफाई कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा से निकालकर स्थायी करने और उनके लिए सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां सुनिश्चित करने का वादा किया।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने और सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया का वादा किया।
- मैनुअल स्केवेंजिंग को खत्म करने और सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए रोबोटिक तकनीक के उपयोग की बात की गई।
- कर्मचारियों को सीधा सरकारी कर्मचारी बनाने का आश्वासन दिया गया।
2019, 2021, 2022
- दिल्ली सरकार ने नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए नीति तैयार करने की बात कही।
- सफाई कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का ऐलान किया गया।
- केजरीवाल ने कहा कि MCD चुनाव के बाद सभी सफाई कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा से बाहर निकालकर स्थायी किया जाएगा।
- मैनुअल सीवर सफाई को पूरी तरह खत्म करने के लिए मशीनें लाने का ऐलान किया गया।
- सफाई कर्मचारियों के लिए बड़े पैमाने पर स्थायी नौकरियों और समय पर वेतन देने का वादा किया गया।
- ठेका प्रथा खत्म करने और कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन देने का ऐलान।
2023
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5,000 सफाई कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति देने की घोषणा
केजरीवाल सरकार ने कहा कि MCD के अंतर्गत 5,000 सफाई कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा। -
दिल्ली के सीवर और नालों की सफाई के लिए नई तकनीकों का उपयोग शुरू हुआ।
2024 (हाल की घोषणाएं):
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6,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर खबरें आईं।
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सरकार ने कहा कि अधिकांश खतरनाक काम अब मशीनों द्वारा किए जा रहे हैं।
हकीकत:
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वादों के बावजूद ठेकेदारी प्रथा पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
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सफाई कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया धीमी है।
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समय पर वेतन और सुविधाओं की कमी अभी भी एक बड़ी समस्या है।
मौजूदा समय में हर साल ढाई से 3 हजार कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं लेकिन उनकी जगह पर स्थायी सफाई कर्मचारी नियुक्त नहीं किए जा रहे हैं। पिछले 27 साल में दिल्ली की जनसंख्या के हिसाब से पक्के सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है। हर बार सफाई कर्मचारियों से वादे किए जाते हैं, नए-नए ऐलान होते हैं लेकिन उनकी नियुक्ति नहीं हो पाती है।
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