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जिन योजनाओं पर महफिल लूट रही AAP, उन्हें दिल्ली सरकार ने किया 'खारिज'!

चुनाव से पहले लोकलुभावनी योजनाएं लॉन्च करके माहौल बनाने में लगी AAP को अब दिल्ली सरकार के दो विभागों ने ही झटका दे दिया है। समझिए आज इस पर क्या हुआ है।

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महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना पर उठे सवाल

दिल्ली में चुनाव का माहौल है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल अब आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया के तौर पर खूब सक्रिय हैं। हर दिन वह ऐलान करते हैं और अपने साथ मुख्यमंत्री आतिशी को भी ले जाते हैं। हर दिन चुनावी ऐलान करने वाली अरविंद केजरीवाल ये वादे अपने नाम से करते हैं, आतिशी या दिल्ली सरकार के नाम से नहीं।

 

ऐसी ही दो योजनाओं को आम आदमी पार्टी ने जोर-शोर से प्रचारित करना शुरू किया है। गली-गली में AAP के कार्यकर्ता, नेता और उम्मीदवार कैंप लगाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। पहली योजना है- मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और दूसरी है संजीवनी योजना। आमतौर पर माना जाता है कि सत्ताधारी पार्टी ही सरकार है और सरकार भी पार्टी के हिसाब से ही काम करती है। हालांकि, दिल्ली में ऐसा नहीं हो रहा है। इन दोनों ही योजनाओं को लेकर दिल्ली सरकार के विभागों ने ही विज्ञापन जारी किए हैं और बताया है कि ऐसी किसी योजना को अभी तक मंजूरी ही नहीं दी गई है।

 

दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना की शुरुआत की। AAP का वादा है कि मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाएंगे, जिसे बाद में बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया जाएगा। वहीं, संजीवनी योजना के तहत बुजुर्गों का इलाज दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त में करवाया जाएगा। चुनाव से ठीक पहले इस तरह की योजनाओं को सत्ताधारी पार्टी की ओर से लोकलुभावन वादा माना जा रहा है। यही वजह है कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस इसको लेकर जबरदस्त हमलावर भी हैं। राजनीति तक तो ठीक था लेकिन अब खुद दिल्ली सरकार के विभागों ने बाकायदा विज्ञापन निकालकर इन योजनाओं की सच्चाई बताई है।

विज्ञापनों में क्या है?

 

पहला विज्ञापन दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को लेकर जारी किया है। दूसरा विज्ञापन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से संजीवनी योजना को लेकर जारी किया गया है।

 

महिला एवं बाल विकास विभाग ने अपने विज्ञापन में लिखा है, 'विभाग को जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक पार्टी दिल्ली की महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत हर महीने 2100 रुपये देने का वादा कर रही है। यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी कोई योजना दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचित नहीं की गई है। अगर ऐसी कोई योजना अधिसूचित की जाती है तो एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। ऐसी कोई योजना मौजूदा वक्त में है ही नहीं तो कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी जो इस योजना के नाम पर लोगों का रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर उनकी जानकारी इकट्ठा कर रहा है, वह धोखाधड़ी कर रहा है और उसके पास इसका कोई अधिकार नहीं है।'

 

दिल्ली सरकार के विभागों की ओर से निकाले गए विज्ञापन

 

 

यानी महिला एवं बाल विकास विभाग ने साफतौर पर यह कहा है कि अभी तक न तो योजना को मंजूरी मिली है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। इससे यह भी साफ होता है कि जो रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है वह आम आदमी पार्टी करवा रही है न कि दिल्ली सरकार। कमोबेश इसी भाषा और लगभग इन्हीं शब्दों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भी सूचना छपवाई है और कहा है कि लोग अपनी जानकारी इन लोगों के साथ न शेयर करें।


क्या बोले केजरीवाल?

 

इन विज्ञापनों के सामने आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने X अकाउंट पर लिखा है, 'महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना से ये लोग बुरी तरह से बौखला गए हैं।अगले कुछ दिनों में फ़र्ज़ी केस बनाकर आतिशी जी को गिरफ्तार करने का इन्होंने प्लान बनाया है। उसके पहले AAP के सीनियर नेताओं पर रेड की जाएंगी। आज 12 बजे इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।'

जमीन पर क्या हो रहा है?

 

दरअसल, जिस दिन से इस योजना को शुरू किया गया है उसी दिन से AAP के कार्यकर्ता गली-गली में कैंप लगाकर रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। खुद अरविंद केजरीवाल ने कुछ महिलाओं और बुजुर्गों का रजिस्ट्रेशन किया था। इन महिलाओं और बुजुर्गों को संजीवनी योजना के लिए नीला कार्ड और महिला सम्मान योजना के लिए पीला कार्ड दिया गया था। रोचक बात यह है कि इन कार्ड पर 'केजरीवाल कवच कार्ड' लिखा गया है और अरविंद केजरीवाल की तस्वीर छपी है। ध्यान रहे कि इन कार्ड पर मुख्यमंत्री आतिशी की तस्वीर या दिल्ली सरकार का लोगो भी नहीं छपा है। यह भी दिखाता है कि यह कार्ड राजनीतिक पार्टी की ओर से दिया गया है दिल्ली सरकार की ओर से नहीं।

 

अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में कराए जा रहे इस कथित रजिस्ट्रेशन के बाद एक रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह नंबर किस आधार पर दिया जा रहा है। इसी को लेकर विपक्षी बीजेपी के नेता सवाल उठा रहे हैं कि अगर पैसे देने हैं तो किसी से बैंक डीटेल क्यों नहीं ली जा रही है। 

 

 

पूर्व में आम आदमी पार्टी के विधायक रहे नितिन त्यागी अब बीजेपी में हैं। वह अपने X हैंडल पर एक वीडियो शेयर करके पूछा है, 'दिल्ली की महिलाएं भोली हैं, मूर्ख नहीं। जब बैंक खाते और आधार की डिटेल ही नहीं ली तो पैसे आएंगे कहां? सिर्फ वोटर कार्ड ले रहे हैं, तो चुनाव के समय वोट के लिए ही। अरविंद केजरीवाल वोट के लिए किसी को भी बेवकूफ बना सकता है।'

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