logo

ट्रेंडिंग:

मोदी बनाम सोरेन कैसे हो गई झारखंड की लड़ाई?

विधानसभा चुनावों में स्थानीय नेताओं के दम पर चुनाव लड़ा जाता है। झारखंड की सियासी स्थिति, इसके ठीक उलट है। वहां चुनाव ही नरेंद्र मोदी बनाम हेमंत सोरेन हो गया है।

Hemant Soren vs Narendra Modi

हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

झारखंड के विधानसभा चुनाव का पहला चरण 13 नवंबर को बीत गया। 20 नवंबर को अगले चरण की वोटिंग है, जिसके लिए राजनीतिक पार्टियों ने जोर-शोर से सियासी जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पहले चरण के चुनाव में सिर्फ दो चेहरों के ईर्द-गिर्द पूरी राजनीति घूमी। यह जंग, बाबू लाल मरांडी, चंपाई सोरेन और हेमंत सोरेन की नहीं है। यह जंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हो गई है। यहां कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष केशव महतो कमलेश भी चेहरा नहीं हैं। 

भारतीय जनता पार्टी की कैंपेनिंग में कई नए स्लोगन हैं। बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे सेफ रहेंगे, घुसपैठिए, आदिवासी उत्पीड़न लेकिन इन सब पर भारी है नरेंद्र मोदी के वादे। बीजेपी नेता, भी इसी अंदाज में ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हेमंत सोरेन का सीधा हमला, न तो योगी आदित्यनाथ के चुनावी स्लोगन पर है न ही हिमंता बिस्वा सरमा के। वे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही हमला बोल रहे हैं। 

केंद्रीय योजनाओं के सहारे झारखंड बीजेपी
झारखंड बीजेपी, केंद्रीय योजनाओं के सहारे है। बीजेपी के घोषणापत्र में ही केंद्रीय मुद्दों का हवाला दिया गया है। बीजेपी ने रघुबर दास के कार्यकाल की उपलब्धियों का आंशिक जिक्र किया है, जिसे नगण्य कहा जा सकता है। वे साल 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे। अपना कार्यकाल पूरा कर पाने वाले वे पहले मुख्यमंत्री भी हैं।


क्यों ऐसा कर रही है बीजेपी?
झारखंड की सियासत पर नजर रखने वाले पत्रकार भी ये मानते हैं कि यहां की सियासी लड़ाई नरेंद्र मोदी बनाम हेमंत सोरेन की है। एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा तक नहीं है। बाबू लाल मरांडी के बारे में कुछ भी ऐसा नहीं कहा गया, जिससे ये साफ हो कि अगर जीते तो वही मुख्यमंत्री बनेंगे। सहयोगी दल, अपने-अपने नेताओं के लिए उपमुख्यमंत्री से कम की मांग नहीं कर रहे हैं लेकिन वे भी अनिश्चित ही हैं।



इंडिया ब्लॉक की ओर से कम से कम ये तो साफ है कि अगर जीते तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही रहेंगे। कांग्रेस की पूरी कैंपेनिंग हेमंत सोरेन भरोसे हो गई है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की वैसी आक्रामक रैलियां नहीं हो रही हैं, जैसी यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान यहां हो रही थीं।

बीजेपी ने उतार दी है पूरी पलटन
बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी के नाम को बार-बार जनता को याद दिलाया जा रहा है। बीजेपी के स्टार प्रचारकों में हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान, योगी आदित्यनाथ जैसे नेता हैं। वहीं कांग्रेस पूरी तरह से सोरेन पर ही निर्भर है। झारखंड के संथाल परगना में हेमंत सोरेन के प्रति कुछ लोग सहानुभूति दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि वे आदिवासी थे इसलिए उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता इसे प्रसारित करने में काफी हद तक सफल रहे हैं। बीजेपी ने इसके काट में चंपाई सोरेन को अहम जिम्मेदारी दी। अभी तक यह साफ नहीं है कि उन्हें सीएम पद के लिए लाया गया है या वे सियासी मजबूरी के तहत बीजेपी में आ गए हैं।  

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap