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BJP नेता ने 8 महीने में 2 राज्यों में डाला वोट, चुनाव आयोग के नियम क्या हैं?

बीजेपी नेता राकेश सिन्हा ने 8 महीने के अंतराल में दिल्ली के बाद बिहार विधानसभा में वोट डाला है तो सियासी हंगामा खड़ा हो गया। अब उन्होंने विपक्ष के आरोप पर सफाई दी है।

Rakesh Sinha.

बीजेपी नेता राकेश सिन्हा। (Photo Credit- Social Media)

बिहार में पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण में कुल 64.66 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 3.75 करोड़ थी। अबकी बार बढ़-चढ़कर लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया। मतदान करने के बाद लोगों ने सेल्फी ली। पोलिंग बूथ के बाहर भी लोगों ने फोटो खिंचवाई और स्याही लगी अंगुली दिखाई।

 

एक फोटो बीजेपी नेता राकेश सिन्हा ने भी खिंचवाई। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर भी साझा किया। मगर इस पर बवाल मच गया।विपक्ष का आरोप है कि राकेश सिन्हा ने करीब आठ महीने पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट किया और बिहार विधानसभा चुनाव में भी मतदान। 

 

विपक्षी दल खासकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उनका नाम दिल्ली और बिहार दोनों की मतदाता सूची में है और उन्होंने जानबूझकर दो जगह वोट डाला, जबकि राकेश सिन्हा ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि बिना तथ्य जांचे उन पर आरोप लगाए हैं। 

 

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अपनी सफाई में क्या बोले राकेश सिन्हा?

राकेश सिन्हा के बाद कई और नेताओं पर दो जगह मतदान करने का आरोप लगा। विवादों में आप नेता राघव चड्ढा के अलावा बीजेपी के संतोष झा और संजय झा का नाम भी उछला। 

 

अपनी सफाई में राकेश सिन्हा ने कहा, 'मेरा नाम दिल्ली की मतदाता सूची में था। बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) करा लिया है। क्या इस आरोप के लिए मैं मानहानि का केस करूं?'

 

उन्होंने आगे कहा, 'मेरा पुश्तैनी घर बिहार के बेगूसराय जिले में है। वहां मेरे परिवार के लोग रहते हैं। यह मेरा स्थायी पता है। संसद में भी यही मेरा स्थायी पता दर्ज है।' हालांकि अभी तक इस पूरे विवाद में चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

क्या कहता है चुनाव आयोग का नियम?

भारत में एक से अधिक जगह वोट डालना अवैध है। चुनाव आयोग के कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय में एक से अधिक राज्यों या निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में रजिस्टर्ड नहीं रह सकता। एक ही चुनाव में या अलग-अलग चुनाव में एक से अधिक बार वोट नहीं कर सकता। जन प्रतिनिधित्व एक्ट (RPA) 1950 के तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में रजिस्टर्ड होने का हकदार नहीं होगा।

  • RPA 1950 की धारा साफ कहती है कि अगर कोई भी व्यक्ति एक से अधिक जगह और एक से अधिक बार वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकता। अगर किसी का नाम दिल्ली और बिहार दोनों राज्यों की वोटर लिस्ट में दर्ज है तो यह कानून का उल्लंघन है।

 

  • RPA 1950 के हिसाब से कोई भी किसी भी चुनाव में एक से अधिक बार वोट नहीं कर सकता, भले ही उसका नाम गलती से एक से अधिक जगहों पर रजिस्टर्ड क्यों न हो।

 

  • कोई जानबूझकर ऐसा करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, इसमें जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है। 

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सही प्रक्रिया क्या है?

अगर किसी व्यक्ति को एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना पता बदलना है तो उसकी एक प्रक्रिया है- 

  • पुराने पते की वोटर लिस्ट से अपना नाम हटवाने के लिए फॉर्म-7 भरकर एप्लिकेशन जमा करना होगा
  • अपने नए पते जैसे बिहार की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 भरना होगा
  • चुनाव आयोग को डुप्लीकेट एंट्री की पहचान करने और उसे हटाने का अधिकार है। इसकी अंतिम जिम्मेदारी मतदाता कि होगी कि वह सुनिश्चित करें कि उसका नाम केवल एक ही स्थान पर दर्ज हो।

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