बिहार के नालंदा जिले में आने वाली इस्लामपुर विधानसभा का चुनावी इतिहास काफी पुराना है। यहां 1952 में पहली बार चुनाव हुए थे। इस सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी समाजवादी तो कभी वामपंथियों का कब्जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण यहां जेडीयू का दबदबा रहा है। हालांकि, 2020 के चुनाव में यह सिलसिला तब टूट गया, जब आरजेडी ने यहां से जीत दर्ज की।
इस्लामपुर के नाम की वजह से मान लिया जाता है कि यह मुस्लिम बहुल सीट होगी, मगर ऐसा नहीं है। यहां मुस्लिम आबादी 10 फीसदी के आसपास मानी जाती है। और तो और, इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से सिर्फ एक बार ही मुस्लिम उम्मीदवार की जीत हुई है।
मौजूदा समीकरण
नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में होने के कारण इस्लामपुर में जेडीयू को फायदा मिलता रहा है। हालांकि, 2020 में जेडीयू को हराकर आरजेडी यहां से जीत गई थी। इस सीट पर यादव और कुर्मी निर्णायक भूमिका में हैं। वहीं मुस्लिम, पासवान और कोइरी समुदाय का भी अच्छा-खासा प्रभाव है। नीतीश कुमार के चेहरे के दम पर जेडीयू को एक बार फिर वापसी की उम्मीद है।
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2020 में क्या हुआ था?
पिछली बार इस्लामपुर में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। आरजेडी के राकेश कुमार रौशन ने जेडीयू के चंद्रसेन प्रसाद को 3,698 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। राकेश कुमार को 68,088 यानी 42 फीसदी और चंद्रसेन प्रसाद को 64,390 यानी लगभग 40 फीसदी वोट मिले थे। एलजेपी के नरेश प्रसाद सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे, जिन्हें 8,597 वोट हासिल हुए थे।
विधायक का परिचय
इस्लामपुर में इस समय आरजेडी के राकेश कुमार रौशन विधायक हैं। राकेश कुमार राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता कृष्ण बल्लभ प्रसाद खुद भी इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं।
कृष्ण बल्लभ प्रसाद सीपीआई के टिकट पर यहां से 3 बार विधायक चुने गए थे। पहली बार 1977 में और फिर 1990 और 1995 में उन्होंने जीत हासिल की थी।
राकेश कुमार रौशन ने 2005 से सीपीआई से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। उन्होंने इस्लामपुर से सीपीआई के टिकट पर 2005 का चुनाव भी लड़ा था लेकिन जेडीयू के रामस्वरूप प्रसाद से हार गए थे। इसके बाद राकेश कुमार आरजेडी में आ गए। उन्होंने 2020 का चुनाव आरजेडी के टिकट पर लड़ा और जीता।
2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में राकेश कुमार ने अपने पास 2.94 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस दर्ज नहीं है।
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विधानसभा का इतिहास
इस्लामपुर के चुनाव इतिहास में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। अब तक के 17 चुनावों में से 4 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। सबसे ज्यादा 5 बार जेडीयू जीती है।
- 1952: चौधरी मोहम्मद अफाक (कांग्रेस)
- 1962: श्याम सुंदर प्रसाद (स्वतंत्र पार्टी)
- 1967: श्याम सुंदर प्रसाद (कांग्रेस)
- 1969: रामसरन प्रसाद सिंह (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
- 1972: रामसरन प्रसाद सिंह (निर्दलीय)
- 1977: कृष्ण बल्लभ प्रसाद (सीपीआई)
- 1980: पंकज कुमार सिन्हा (कांग्रेस)
- 1985: राम स्वरूप प्रसाद (कांग्रेस)
- 1990: कृष्ण बल्लभ प्रसाद (सीपीआई)
- 1995: कृष्ण बल्लभ प्रसाद (सीपीआई)
- 2000: राम स्वरूप प्रसाद (समता पार्टी)
- 2005: राम स्वरूप प्रसाद (जेडीयू)
- 2005: राम स्वरूप प्रसाद (जेडीयू)
- 2007: प्रतिमा सिन्हा (जेडीयू)
- 2010: राजीव रंजन (जेडीयू)
- 2015: चंद्रसेन प्रसाद (जेडीयू)
- 2020: राकेश कुमार रौशन (आरजेडी)