बिहार की जमई विधानसभा हॉट सीट में से एक है। वह इसलिए क्योंकि यहां से अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह विधायक हैं। श्रेयसी सिंह दोबारा यहां से किस्मत आजमा रही हैं। हालांकि, जमुई सीट का पिछला ट्रेंड बताता है कि यहां की जनता दोबारा किसी को मौका नहीं देती है। फिर भी श्रेयसी सिंह की लोकप्रियता के दम पर बीजेपी को वापसी की उम्मीद है।
जमुई विधानसभा, जमुई लोकसभा के अंतर्गत आती है। जमुई विधानसभा में अब तक एक उपचुनाव मिलाकर कुल 17 बार चुनाव हो चुके हैं। 1995 के चुनाव से 2020 तक का ट्रेंड दिखाता है कि यहां पार्टी भले ही न बदले लेकिन चेहरा जरूर बदल जाता है। 
इस सीट का चुनावी इतिहास इसलिए भी रोचक है, क्योंकि से पिता और बेटे की जोड़ी भी जीत चुकी है। 2000 के चुनाव में नरेंद्र सिंह ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीता था। 2005 में उनके बेटे अभय सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। उनके बाद 2010 के चुनाव में नरेंद्र सिंह के बड़े बेटे अजय प्रताप ने जीत हासिल की। हालांकि, 2015 के चुनाव में अजय प्रताप को आरजेडी उम्मीदवार विजय प्रकाश ने हरा दिया था।
 
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मौजूदा समीकरण
जमुई सीट का समीकरण समझ पाना आसान नहीं है। यहां की जनता हर बार मूड बदल देती है। अगर कोई पसंद नहीं होता तो उसे गद्दी से उतार देती है। 1995 से 2020 के बीच इस सीट पर 8 चुनाव हुए हैं और हर बार चेहरा बदला गया है। जमुई सीट पर राजपूतों के साथ-साथ मुस्लिम-यादव समीकरण भी काम करता है। यहां की 19 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति (SC) है। इसलिए यहां किसी एक जाति वर्ग को साधने से राजनीति नहीं हो पाती। पिछले चुनाव में मोहम्मद आलम (JAP (L)), निर्दलीय सुजाता सिंह और RLSP के अजय प्रताप ने खूब वोट काटे थे। तीनों को 41 हजार से ज्यादा वोट मिले थे और इतने ही वोटों से आरजेडी के विजय प्रकाश हार गए थे। इस बार विजय प्रकाश का टिकट गया है। ऐसे में आरजेडी को नुकसान हो सकता है। 
2020 में क्या हुआ था?
पिछले चुनाव में जमुई सीट से बीजेपी की श्रेयसी सिंह ने जीत हासिल की थी। उन्होंने आरजेडी के विजय प्रकाश यादव को 41,049 वोटों से हराया था। श्रेयसी सिंह को 79,603 और विजय प्रकाश को 38,554 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर JAP(L) पार्टी के मोहम्मद आलम रहे थे, जिन्हें 17,800 वोट मिले थे।
 
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विधायक का परिचय
जमुई सीट से अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह विधायक हैं। उन्होंने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में गोल्ड जीता था। वह कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल जीत चुकी हैं। उनके दादा सरेंदर सिंह और पिता दिग्विजय सिंह, दोनों नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रह चुके हैं।
श्रेयसी सिंह राजनीतिक घराने से भी आती हैं। उनके पिता दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उनकी मां पुतुल कुमारी भी बिहार की बांका सीट से सांसद रहीं हैं। उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से ग्रैजुएशन किया था। इसके बाद उन्होंने फरीदाबाद की मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की थी।
2020 में 30 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने बीजेपी जॉइन की और जमुई सीट से चुनाव लड़ा। पहली बार चुनाव में उतरीं श्रेयसी ने 41 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता। पिछले चुनाव में उन्होंने बताया था कि उनके पास 4.39 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
 
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विधानसभा का इतिहास
जमुई सीट पर पहली बार 1957 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब से अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2000 का एक उपचुनाव भी शामिल है। इस सीट पर अब तक 5 बार कांग्रेस जीत चुकी है। 2020 में बीजेपी ने पहली बार यहां अपना खाता खोला था।
- 1957: हरि प्रसाद शर्मा (कांग्रेस) और भोला मांझी (सीपीआई)
- 1962: अनिल कुमार (कांग्रेस)
- 1967: त्रिपुरारी प्रसाद सिंह (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
- 1969: त्रिपुरारी प्रसाद सिंह (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
- 1972: त्रिपुरारी प्रसाद सिंह (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
- 1977: त्रिपुरारी प्रसाद सिंह (जनता पार्टी)
- 1980: रामेश्वर सिंह (कांग्रेस)
- 1985: रामेश्वर सिंह (कांग्रेस)
- 1990: सुशील कुमार सिंह (कांग्रेस)
- 1995: अर्जुन मंडल (जनता दल)
- 2000 (उपचुनाव): सुशील कुमार सिंह (जेडीयू)
- 2000: नरेंद्र सिंह (जेडीयू)
- 2005: विजय प्रकाश यादव (आरजेडी)
- 2005: अभय सिंह (जेडीयू)
- 2010: अजय प्रताप (जेडीयू)
- 2015: विजय प्रकाश यादव (आरजेडी)
- 2020: श्रेयसी सिंह (बीजेपी)