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फटा टायर तो निकली नोटों की गड्डी, झारखंड में 'नोट फॉर वोट' की तैयारी?

झारखंड में बीच चुनाव पैसे बांटने का खेल चल रहा था। पुलिस ने एक संदिग्ध गाड़ी से दिलचस्प अंदाज में पैसे निकालें हैं। पढ़े रिपोर्ट।

Jharkhand News

झारखंड में टायरों की तलाशी में लाखों के नोट बरामद हुए हैं।

झारखंड में 'वोट के बदले नोट' का खेल चल रहा है। गिरिडीह पुलिस ने एक चेक पोस्ट पर गाड़ी रोकी तो जो सच सामने आया वह हैरान करने वाला था। कार की एक एक स्टेपनी में करीब 25 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। स्टेपनी को फाड़कर सुरक्षाबलों ने पैसे निकाले हैं। स्टेपनी से नोटों के बंडल पर बंडल निकल रहे थे।

पुलिस ने कार में सवार 3 लोगों से पूछताछ की। कार की स्टेपनी को काटकर उसमें पैसे छिपाए गए थे। यह कार देवघर से राजधनवार इलाके की ओर जा रही थी। पुलिस ने इसकी सूचना आयकर विभाग को भी दी है। चुनाव आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया है।

टायर से निकले लाखों रुपये
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में टायर फाड़कर नोटों के बंडल निकालते हुए अधिकारी नजर आ रहे हैं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'भ्रष्टाचार और पैसों का अम्बार देखना हो तो झारखंड आइए। आज गिरिडीह में चुनाव को प्रभावित करने के लिए झामुमो के 50 लाख  की बरामदगी इनकम टैक्स और चुनाव आयोग ने की। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का जुगाड़ देख लीजिए।'

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोपों पर क्या कहा?
झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि राजेश चौधरी, शिवम आनंद, दोनों जमुई बिहार के रहने वाले हैं। दीपक चौधरी बिहार के भागलपुर के हैं। तीनों बीजेपी के सदस्य हैं और ठेकेदार भी। जेएमएम ने आरोप लगाया है, 'भाजपा के देवघर के उम्मीदवार को 25 लाख पहुंचाने जा रहे थे। सांसद महोदय तो 50 लाख बोल रहे हैं, फिर बाकी के 25 लाख कहां गए। झारखंड पुलिस आपके सब पैसों पर नजर रख रही है चचा। सावधानी हटी दुर्घटना घटी।'



'नोटों के पहाड़' पर पीएम भी कस चुके हैं तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी चुनवी जनसभाओं में नोटों के पहाड़ को लेकर खूब चर्चा छेड़ते हैं। हेमंत सोरेन सरकार पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। वे ईडी की हिरासत में भी रहकर आए हैं। उन्हीं की सरकार में मंत्री रहे आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर के घर से जुड़ी संपत्तियों पर पड़े रेड में 30 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। 

झारखंड में पहले से ही खनन घोटाला, मनरेगा घोटाला, कोल लिंकेज स्कैम, अवैध आवंटन जैसे मुद्दे हावी हैं। हेमंत सोरेन सरकार पर वैसे बीजेपी हमलावर है। अब इस नए कांड ने और मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब यह जांच का विषय है कि इन पैसों का कनेक्शन किसके साथ निकलता है। 

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