केवटी विधानसभा सीट दरभंगा जिले में आती है। केवटी के उत्तर-पूर्व में मधुबनी जिला और उत्तर-पश्चिम में सीतामढ़ी जिला स्थित है। केवटी की दरभंगा शहर से दूरी महज 20 किलोमीटर है। ऐसे में इस विधानसभा में ग्रामीण के साथ में शहरी मतदाता हैं। केवटी की 26 और सिंहवाड़ा प्रखंड की 12 पंचायतों को मिलाकर केवटी विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया है। यह पूरी क्षेत्र मैथिली भाषी है, जहां लोग मिथिला की संस्कृति को मानते हैं। हालांकि, केवटी में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।
मौजूदा समीकरण?
केवटी विधानसभा सीट पर साल 2005 के बाद से दबदबा रहा है। यहां 2015 में बस आरजेडी जीती थी। इसके अलावा 2005 के बाद के सभी चुनाव बीजेपी ने जीते हैं। इस सीट पर MY समीकरण बेहद मजबूत है। इसके बावजूद बीजेपी यहां से बाजी मारती रही है। विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 14.24 फीसदी हैं। जबकि, यहां लगभग 31 फीसदी मुस्लिम और लगभाग 11 फीसदी यादव मतदाता हैं। पिछले चुनाव में केवटी में बीजेपी और आरजेडी की बीच सीधी टक्कर थी, जिसमें बीजेपी ने बाजी मारी थी।
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2020 में क्या हुआ था?
केवटी विधानसभा सीट पर 2020 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में बीजेपी से मुरारी मोहन झा ने आरजेडी के दिग्गज नेता और पार्टी महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराया था। हार का अंतर 5,126 वोटों का था। बीजेपी के मुरारी मोहन झा ने 46.75 फीसदी वोट पाते हुए 76,372 वोट हासिल किए थे, जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी को 71,246 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार योगेश रंजन को 3,304 वोट मिले थे। इससे पहले 2015 के चुनाव में आरजेडी के फराज फातमी ने बीजेपी के सीनियर विधायक अशोक कुमार यादव को हरा दिया था।
विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक मुरारी मोहन झा केवटी से 2020 में पहली बार विधायक चुने गए थे। 63 साल के मुरारी मोहन दरभंगा जिले के पुराने नेताओं में शुमार किए जाते हैं। उन्होंने आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी हराकर राज्य में ख्याति प्राप्त कर ली थी।
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मुरारी मोहन झा की पढ़ाई की बात करें तो वह काफी पढ़े लिखे नेता हैं। उन्होंने दरभंगा की ललित नारायण विश्वविद्यालय से साल 1990 में पीएचडी और साल 1999 में डी.लिट की डिग्री हासिल की। यह दोनों ही डिग्रियां शिक्षा क्षेत्र में सबसे उच्च मानी जाती हैं। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, व्यवसाय और सामाजिक कार्य है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 5.13 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
केवटी विधानसभा सीट पर सबसे पहली बार साल 1977 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस पर अभी तक कुल 11 चुनाव हो चुके हैं। केवटी सीट की संख्या 86 है। केवटी सामुदायिक विकास खंड में सिंहवाड़ा की अरई बिरदीपुर, बनौली, भारती, भरहुल्ली, हरिहरपुर पूर्वी, हरिहरपुर पश्चिमी, हरपुर, माधोपुर बसतवारा, कलिगांव, सधवारा, दिघियार, टेकटार और सिमरी ग्राम पंचायतें आती हैं। केवटी विधानसभा सीट दरभंगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
1977- दुर्गादास ठाकुर (जनता पार्टी)
1980- शमाएल नबी (कांग्रेस)
1985- कलीम अहमद (कांग्रेस)
1990- गुलाम सरवर (जनता दल)
1995- गुलाम सरवर (जनता दल)
2000- गुलाम सरवर (आरजेडी)
2005- अशोक कुमार यादव (बीजेपी)
2005- अशोक कुमार यादव (बीजेपी)
2010- अशोक कुमार यादव (बीजेपी)
2015- फराज फातमी (आरजेडी)
2020- मुरारी मोहन झा (बीजेपी)