राजनीतिक पार्टियों का फिल्म इंडस्ट्री से नाता बहुत पुराना रहा है। इस लिस्ट में कई लोगों के नाम शामिल है। पिछले कुछ चुनावों से इसका ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की बात करें तो सभी पार्टियों ने किसी न किसी सेलिब्रिटी को पार्टी का चेहरा बनाकर चुनाव में उतारा है। इस बार तीन नामों की सबसे अधिक चर्चा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मैथिली ठाकुर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से खेसारी लाल और जन सुराज से रितेश पांडे, तीनों ही अपने-अपनी सीट पर मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं। आइए जानते हैं इन सीटों का समीकरण-
बीजेपी ने अलीनगर से मैथिली ठाकुर, RJD ने छपरा से खेसारी लाल और जन सुराज ने करगहर सीट से रितेश पांडे को टिकट दिया है। ऐसा नहीं है कि पार्टियां केवल इन स्टार पर ही निर्भर है। इस लिस्ट में मनोज तिवारी, पवन सिंह, अक्षरा सिंह और रवि किशन भी शामिल हैं। ये लोग भले ही चुनाव न लड़ रहे हों लेकिन अपनी पार्टी का प्रचार खूब जोर-शोर से कर रहे हैं। अब तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे कि इसका असर चुनाव में कितना हुआ।
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मैथिली ठाकुर
दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा क्षेत्र इस बार बहुत चर्चा में है। 2010 और 2015 में हुए दो विधानसभा चुनावों में RJD नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जीत दर्ज की थी। अलीनगर में ब्राह्मण समुदाय के वोटरों की बड़ी संख्या है। उन्हें रुझाने के लिए कोई भी दल पीछे नहीं है। NDA ने इस बार यहां से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट दिया है।
महागठबंधन ने विनोद मिश्र और जन सुराज ने विप्लव झा को प्रत्याशी बनाया है। साल 2020 के चुनाव में बीजेपी के मिश्री लाल यादव ने बाजी मार ली थी। उन्होंने VIP के बिनोद मिश्रा को हराया था। इस बार बिनोद मिश्रा RJD की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। मैथिली को जिताने के लिए बीजेपी पूरी जोर लगा रही है। अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान तक उनके लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं। अलीनगर सीट से कुल 12 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मैथिली की है।
खेसारी लाल यादव
बिहार के सारण जिले की छपरा विधानसभा सीट को राज्य की चर्चित सीटों में शामिल किया जाता है। छपरा विधानसभा से 2015 और 2020 में दोनों बार बीजेपी के डॉ. सी.एन. गुप्ता ने जीत हासिल की थी। इस बार बीजेपी ने यहां से छोटी कुमारी को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मेयर राखी गुप्ता बीजेपी से अलग होकर निर्दलीय ही मैदान में खड़ी है। RJD ने खेसारी लाल यादव को उतारकर इस सीट पर लड़ाई दिलचस्प बना दी है।
छपरा में पहले यादव-मुस्लिम का वोट निर्णायक माना जाता था लेकिन अब की स्थिति बदल गई है। अब यहां वैश्य वोटर चुनावी समीकरण तय करते हैं। शहर में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। पिछले तीन चुनावों से बीजेपी को इन्हीं मतदाताओं का फायदा मिला है। अगर कुल वोटरों की बात की जाए तो करीब 35 फीसदी यादव और मुस्लिम हैं जबकि 30 फीसदी वैश्य मतदाता हैं, जो पिछले दो चुनावों से एकतरफा वोट डाल रहे हैं।
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रितेश पांडे
रोहतास जिले के करगहर सीट से इस बार सबसे ज्यादा चर्चा जन सुराज के प्रत्याशी रितेश पांडे की हो रही है। इस सीट से पहले ऐसी चर्चा थी कि खुद प्रशांत किशोर इस सीट से चुनाव लड़ने वाले थे। करगहर में अनूसूचित जाति की आबादी लगभग 20.41% और मुस्लिम वोटर करीब 6.4% हैं।
करगहर में OBC, सवर्ण और दलित वोटरों की भागीदारी हर चुनाव को त्रिकोणीय बना देती है। पहले यहां राजपूत उम्मीदवारों का बोलबाला था लेकिन अब उनकी गैरमौजूदगी एक नया समीकरण बना रही है। उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की पार्टियों का वापस NDA में शामिल होना इस बार के चुनाव को और खास बना रहा है। RJD अपने यादव-मुस्लिम समीकरण और JDU अपने आधार वोटर कुर्मी-दलित पर भरोसा जता रहे हैं।