बिहार के गोपालगंज जिले में आने वाले कुचायकोट विधानसभा सीट पर तीन चुनावों से जेडीयू का कब्जा है। यह सामान्य कैटेगरी की सीट है। यह गोपालगंज लोकसभा में आती है। वैसे तो इस सीट का चुनावी इतिहास काफी पुराना है लेकिन बीच के कुछ साल ऐसे भी थे, जब यह सीट खत्म कर दी गई थी। यहां के लोगों की आजीविका कृषि पर काफी हद तक निर्भर है।
इस सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव हुए थे। मगर 1976 में परिसीमन के बाद इस सीट का अस्तित्व खत्म कर दिया गया था। बाद में 2008 के परिसीमन के बाद यह सीट फिर अस्तित्व में आई। इसके बाद यहां तीन विधानसभा चुनाव हुए और तीनों ही बार यहां जेडीयू ही जीती।
मौजूदा समीकरण
कुचायकोट में 2008 के बाद से हुए सभी विधानसभा चुनाव में जेडीयू के अमरेंद्र कुमार पांडे की जीत हुई है। इस सीट पर ब्राह्मणों की अच्छी-खासी आबादी है। इस सीट पर अब तक सिर्फ नगीना राय ही ऐसे विधायक रहे हैं, जो ब्राह्मण नहीं थे। बाकी सारे विधायक ब्राह्मण ही रहे हैं। अमरेंद्र कुमार पांडे जेडीयू के कद्दावर नेता और ब्राह्मण चेहरा हैं। अगर इस बार भी इन्हें टिकट मिलती है तो आरजेडी-कांग्रेस के लिए यहां खाता खोल पाना मुश्किल साबित हो सकता है।
यह भी पढ़ें-- गोपालगंज विधानसभा: क्या BJP लगा पाएगी जीत का छक्का या पलटेगी बाजी?
2020 में क्या हुआ था?
2020 के चुनाव में जेडीयू के अमरेंद्र कुमार पांडे ने लगाातार तीसरी बार यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता काली प्रसाद पांडे को हराया था। पिछले चुनाव में अमरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के काली प्रसाद को 20 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। अमरेंद्र कुमार को 74,359 और काली प्रसाद को 53,729 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
अमरेंद्र कुमार पांडे की गिनती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबियों में होती है। अमरेंद्र कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत बसपा से की थी। फरवरी 2005 में हुए विधानसभा में बसपा ने उन्हें कांटी सीट से टिकट दिया था। पहला ही चुनाव उन्होंने जीत लिया था। इसके बाद अमरेंद्र कुमार जेडीयू में आ गए थे। जेडीयू की टिकट पर उन्होंने आरजेडी की किरण देवी को 4,200 वोटों से हरा दिया था।
2008 में कुचायकोट सीट के अस्तित्व में आने के बाद जेडीयू ने उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया। 2010, 2015 और फिर 2020 में लगातार तीसरी बार अमरेंद्र कुमार यहां से विधायक बने।
इस साल मई में अमरेंद्र पांडे तब चर्चा में आए थे, जब उन पर और उनके भाई पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था। इस मामले में अमरेंद्र पांडे, उनके बड़े भाई सतीष पांडे समेत 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
2020 में दाखिल हलफनामे में अमरेंद्र पांडे ने अपने पास 7.15 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ 11 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
यह भी पढ़ें-- साहेबगंज विधानसभा सीट: राजू कुमार सिंह का जलवा रह पाएगा बरकरार?
विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर 9 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1976 से 2008 तक यह सीट अस्तित्व में नहीं थी। इस सीट पर कांग्रेस 4 और जेडीयू 3 बार जीत चुकी है।
- 1952: शिव कुमार पाठक (कांग्रेस)
- 1957: वचस्पति शर्मा (कांग्रेस)
- 1962: शिव कुमार पाठक (कांग्रेस)
- 1967: नगीना राय (निर्दलीय)
- 1969: नगीना राय (जनता पार्टी)
- 1972: नगीना राय (कांग्रेस)
- 2010: अमरेंद्र कुमार पांडे (जेडीयू)
- 2015: अमरेंद्र कुमार पांडे (जेडीयू)
- 2020: अमरेंद्र कुमार पांडे (जेडीयू)