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दिल्ली विधानसभाः लक्ष्मी नगर सीट पर टूटेगा रिकॉर्ड या बदलेगा ट्रेंड?

दिल्ली की लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट पर कभी भी एक उम्मीदवार दोबारा नहीं जीता है। क्या इस बार रिकॉर्ड टूटेगा या ट्रेंड बरकरार रहेगा?

laxmi nagar assembly

लक्ष्मी नगर विधानसभा, Photo Credit: Khabargaon

दिल्ली की 70 सीटों में से एक लक्ष्मी नगर विधानसभआ पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। पूर्वी दिल्ली में स्थित लक्ष्मी नगर एक वक्त घनी आबादी वाला हुआ करता था। लक्ष्मी नगर आज कपड़ों और रोजमर्रा की जरूरतों के मार्केट के लिए जाना जाता है। लोकप्रिय अक्षरधाम मंदिर लक्ष्मी नगर से मात्र 3 किलोमीटर दूर है। दिल्ली में कभी कोई उम्मीदवार दोबारा नहीं जीत सका है। क्या इस बार ये ट्रेंड बदलेगा?

इस बार कौन-कौन मैदान में?

लक्ष्मी नगर सीट में कभी भी कोई उम्मीदवार दोबारा नहीं जीत पाया है। इस बार आम आदमी पार्टी ने बीबी त्यागी को टिकट दिया है। बीबी त्यागी हाल ही में बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में आए थे। बीजेपी ने मौजूदा विधायक अभय वर्मा पर भी दोबारा भरोसा जताया है। जबकि, कांग्रेस ने सुमित शर्मा को टिकट दिया है।

लक्ष्मी नगर की समस्याएं क्या?

यहां की संकरी गलियां, अतिक्रमण, कूड़े-कचरे के निपटान की खराब व्यवस्था और ट्रैफिक की समस्याओं से लोग परेशान हैं। पब्लिक टॉयलेट की व्यवस्था न होने से भी यहां लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। 

 

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2020 में क्या हुआ था?

पिछले चुनाव में बीजेपी के अभय वर्मा ने 65,735 वोट पाकर जीत हासिल की थी। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नितिन त्यागी को 64,855 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के हरि दत्त शर्मा को सिर्फ 4,872 वोट मिले थे।

क्या है इस सीट का इतिहास?

2008 के परिसीमन के बाद इस सीट का गठन हुआ था। 2008 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के अशोक कुमार वालिया ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद 2013 में आम आदमी पार्टी के विनोद कुमार बिन्नी और 2015 में नितिन त्यागी जीतकर विधायक बने थे। 2020 के चुनाव के आम आदमी पार्टी के नितिन त्यागी को मामूली अंतर से हराकर बीजेपी के अभय वर्मा ने यहां से जीत हासिल की थी।

क्या है जातिगत समीकरण?

लक्ष्मीनगर में मिली-जुली आबादी रहती है। यहां पंजाबी, पूर्वांचली, पहाड़ी, दलित और वैश्य समुदाय के लोग रहते हैं। चुनाव में भी इस मिली-जुली आबादी का प्रभाव देखने को मिलता है।

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