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सियासत से सिनेमा तक, देशमुख परिवार का दबदबा, इस बार बचेगी साख?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी है। लातूर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री विलास राव के बेटे अमित और धीरज चुनाव लड़ रहे हैं।

Deshmukh Family

देशमुख परिवार (क्रेडिट इमेज: इंस्टाग्राम)

महाराष्ट्र की राजनीति में विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) कांग्रेस के कद्दावार नेताओं में से एक रहे थे। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत महाराष्ट्र के लातूर (Latur) में पंचायत चुनाव से की थी। विलास राव ने राज्य की राजनीति में 1980 में कदम रखा था। 1999 में वह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। कुछ कारणों से उन्हें अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी और उनकी जगह सुशील कुमार शिंदे मुख्यमंत्री बने। बतौर मुख्यमंत्री उनका पहला कार्यकाल 1999 से 16 जनवरी 2003 तक था। जबकि दूसरी बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल 7 सितंबर 2004 से 2008 तक था। विलास राव के दूसरे कार्यकाल के दौरान मुंबई में सीरियल ब्लॉस्ट हुआ और उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने केंद्र में मंत्री पद संभाला।

 

महाराष्ट्र की राजनीति में था विलासराव का दबदबा

 

विलास राव के तीन बेटे अमित, धीरज और रितेश देशमुख हैं। अमित देशमुख और धीरज देशमुख ने अपने पिता की तरह राजनीति में कदम रखा और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया। वहीं, उनके तीसरे बेटे रितेश देशमुख ने बॉलीवुड में कदम रखा।  2024 का विधान सभा चुनाव विलासराव देशमुख के बड़े बेटे अमित देशमुख लातूर शहरी से लड़ रहे हैं। वहीं, उनके छोटे बेटे धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि साल 2008 में लातूर विधानसभा को दो हिस्सों में बांट दिया गया था।

 

क्या लातूर सीट बचा पाएंगे देशमुख ब्रदर्स

 

लातूर शहरी क्षेत्र से अमित देशमुख लगातार 2009 से तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं। 2014 में अमित ने 50 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। 2019 में उन्होंने बीजेपी के शैलेष लोहाटी को 40 हजार वोटों से हराया था। इस बार अमित का मुकाबला शिवराज पाटिल की बहू अर्चना से है। 21वें राउंड में अमित विलासराव आगे चल रहे है। अमित प्रिया से 370 वोटों से आगे चल रहे हैं। उनके पास शिवराज पाटिल की विरासत है। अर्चना पाटिल अमित को कड़ी टक्कर दे रही हैं। कई लोगों का मानना हैं कि अमित देशमुख को अर्चना पाटिल को हल्के में नहीं लेना चाहिए। वरना उनका हाल भी विलासराव की तरह होगा। 1995 में विलास राव बीजेपी नेता शिवाजीराव पाटिल कव्हेकर से हार गए थे।


धीरज देशमुख- सीट (ग्रामीण लातूर)

 

अमित देशमुख के छोटे भाई धीरज लातूर के ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लातूर ग्रामीण सीट पर पिछले तीन बार से कांग्रेस को जीत मिली है। धीरज देशमुख ने 2019 में पहली बार लातूर ग्रामीण से चुनाव लड़ा था। उन्होंने शिवसेना उम्मीदवार को हराया था। 2019 का मुकाबला एक तरफ था। 2024 में धीरज के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार रमेश कराड खड़े हैं। रमेश कराड़ लातूर की राजनीति में काफी एक्टिव हैं। वह एक ओबीसी नेता हैं। इस बार के चुनाव में धीरज को रमेश कड़ी टक्कर दे सकते हैं। 21वें राउंड में लातूर ग्रामीण सीट पर रमेश कराड़ आगे चल रहे हैं। धीरज रमेश से 4206 वोट पीछे हैं।


वहीं, रितेश देशमुख अपने भाइयों की जीत के लिए जोर-शोर से प्रचार प्रसार कर रहे थे। उनका भाषण सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। अभिनेता ने अपने भाषणों में एक ही डायलॉग सबसे ज्यादा दोहराया था लातूर के लोगों के खून में कांग्रेस है।

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