दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से एक मालवीय नगर है। यह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का भी हिस्सा है। दक्षिण दिल्ली में स्थित, मालवीय नगर साकेत और हौज खास के बीच स्थित एक आवासीय क्षेत्र है। इस निर्वाचन क्षेत्र का नाम स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया है। मालवीय नगर के आसपास के इलाकों में बेहतरीन बुनियादी ढांचा, भरपूर हरियाली और बेहतरीन कनेक्टिविटी है।
मालवीय नगर कई छोटे समुदायों से बना है, जिसमें खिड़की एक्सटेंशन, गीतांजलि एन्क्लेव, भविष्य निधि एन्क्लेव और शिवालिक कॉलोनी शामिल है। मालवीय नगर में मेन मार्केट और कॉर्नर मार्केट दो महत्वपूर्ण बाजार हैं जहां कोई भी सब्ज़ियां, फल, कपड़े, सामान, आभूषण और अन्य जरूरी चीजें खरीद सकता है।
मालवीय नगर की समस्याएं
मालवीय नगर में कई समस्याएं हैं जो इलाके के विकास को प्रभावित कर सकती हैं। मुख्य चुनौतियों में पानी की सप्लाई कम होना और साफ पानी न आना हैं। इलाके के निवासियों की शिकायत है कि कई बार पीने का पानी दूषित हो जाता है। कई बार सीवेज लाइन टूट जाती है, जिससे इलाके में बदबू फैल जाती है। चलने के लिए कुछ जगहों पर फुटपाथ नहीं हैं और कुछ अन्य फुटपाथों पर फल और सब्जी विक्रेताओं ने अतिक्रमण कर लिया है। इलाके में आने वाले निवासियों और खरीदारों को पार्किंग की जगह मिलना मुश्किल होता है, जबकि सड़कें भी उबड़-खाबड़ हैं। इलाके में सुरक्षा समस्याएं अधिक है। यहां लगातार लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के सोमनाथ भारती ने 52,043 वोटों के साथ यह सीट जीती। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह को 33,899 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार नीतू वर्मा सोइन को 2,856 वोट मिले।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के ही सोमनाथ भारती ने 51,196 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। भाजपा उम्मीदवार डॉ. नंदिनी शर्मा को 35,299 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार योगानंद शास्त्री को 5,555 वोट मिले थे। इस बार इस सीट से AAP ने तीन बार के विधायक रहे सोमनाथ भारती को टिकट दिया है। देखते है इस बार वह भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए चौथी बार इस सीट पर काबिज होते है की नहीं।
मालवीय नगर का इतिहास
दिल्ली का सबसे पॉश इलाका माने जाना वाला मालवीय नगर का इतिहास काफी रोचक है। दिल्ली विधानसभा के 1993 में हुए पहले चुनाव में इस सीट पर भाजपा के राजेंद्र गुप्ता ने जीत हासिल की थी। 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत का परचम लहराया। हालांकि, 2013 और 2015 में इस सीट पर AAP पार्टी के सोमनाथ भारती ने लगातार जीत हासिल की।
मालवीय नगर का जातीय-धार्मिक समीकरण क्या?
1950 के दशक में भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान से पलायन करने वाले शरणार्थियों ने मालवीय नगर को बसाया था। आबादी में मुख्य रूप से जातीय राजस्थानी, उत्तर प्रदेश, हरियाणवी, पंजाबी और सिंधी लोग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 1971 में सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान विस्थापित हुए अफगान शरणार्थी भी समुदाय का हिस्सा बन गए।