मोहनिया विधानसभा: RJD बचा पाएगी सीट या BJP मारेगी दांव ?
मोहनिया विधानसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा विधायक संगीता देवी को टिकट दिया है। उन्होंने आरजेडी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन किया है।

मोहनिया विधानसभा क्षेत्र, बिहार के कैमूर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति और सामाजिक संरचना दोनों के कारण राजनीतिक रूप से खास महत्व रखता है। यह 00भभुआ से लगभग 17 किलोमीटर, वाराणसी से करीब 60 किलोमीटर और राज्य की राजधानी पटना से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दुर्गावती नदी के किनारे बसा यह क्षेत्र कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है, जहां उपजाऊ भूमि और सिंचाई की उपलब्धता किसानों के जीवन का आधार है। यहां की आबादी में अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी सबसे अधिक—24.67 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 8.3 प्रतिशत हैं।
मोहनिया मुख्यतः ग्रामीण इलाका है, जहां केवल 1.72 प्रतिशत मतदाता शहरी हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां 2,70,244 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 2,81,498 हो गए—यह आंकड़ा इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती जनसंख्या और राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है।
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मौजूदा राजनीतिक समीकरण
मोहनिया विधानसभा क्षेत्र (सासाराम लोकसभा के तहत) 1957 से अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीट है और अब तक यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं। कांग्रेस ने सबसे अधिक 5 बार, जबकि बीएसपी, जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी ने 2-2 बार जीत दर्ज की है। क्षेत्र में एससी मतदाता लगभग 24.67% और मुस्लिम 8.3% हैं, जबकि यह मुख्यतः ग्रामीण (1.72% शहरी) इलाका है।
2020 में मतदाताओं की संख्या 2.70 लाख थी, जो 2024 में बढ़कर 2.81 लाख हो गई। यहां का चुनावी समीकरण दलित, मुस्लिम और स्थानीय विकास मुद्दों पर आधारित रहता है। 2020 में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर रही। 2025 में फिर यही प्रतिस्पर्धा देखने की संभावना है, जहां दलित मत निर्णायक भूमिका निभाएंगे। मोहनिया की राजनीति बिहार में जाति और विकास दोनों के बदलते संतुलन का प्रतिबिंब है।
2020 में क्या स्थिति रही
पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी की संगीता देवी जीती थीं। उन्हें कुल 61,235 वोट मिले थे जो कि कुल वोटों का 37.8 प्रतिशत था। उन्होंने बीजेपी के निरंजन राम को हराकर यह जीत हासिल की थी। निरंजन राम को कुल 49,181 वोट मिले थे। इसके बाद तीसरे स्थान पर आरएसएसपी की सुमन देवी रही थीं जिन्हें 39,855 वोट मिले थे। इस बार संगीता देवी बीजेपी से इसी सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने आरजेडी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था।
विधायक का परिचय
संगीता देवी ने साल 2008 में रांची विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और साल 2009 में और नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय डाल्टनगंज से बीएड की डिग्री ली। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने बताया है कि पेशे से वह बिजनेसमैन हैं और उनके पास लगभग सवा करोड़ की संपत्ति है जबकि उनकी देयताएं 47 लाख रुपये है।
आपराधिक मामलों की बात करें तो उनके ऊपर कोई खास आपराधिक मामला नहीं है। इसी हफ्ते वह आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं। उनका कहना था कि आरजेडी में रहते हुए वह अपने क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं कर पाईं।
हाल ही में आरजेडी के ही कुछ नेताओं ने उनके ऊपर आरोप लगाया था कि जनता की समस्या सामने लाने पर वह भड़क गई थीं। बात यहां तक बढ़ गई थी कि उन्होंने एक कार्यकर्ता के ऊपर एससी-एसटी ऐक्ट में केस करने की धमकी दी। यहां तक कि उनके ऊपर अपने समुदाय के लोगों को इकट्ठा कर यादव लोगों के ऊपर हमला करने की भी चेतावनी दी गई थी।
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विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर शुरू में कांग्रेस का दबदबा रहा है, और इसके बाद जेडीयू व बीजेपी का कब्जा रहा। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में आरेडी की संगीता देवी ने जीत दर्ज की थी।
1957- बद्री सिंह- प्रजासोशलिस्ट पार्टी
1962- मंगल चरण सिंह- कांग्रेस
1967- रामकृष्ण राम- कांग्रेस
1969- भागवत प्रसाद- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1972- सुरेश कुमार- कांग्रेस
1977- रामकृष्ण राम- जनता पार्टी
1980 - महावीर पासवान- कांग्रेस
1985 - महावीर पासवान- कांग्रेस
1990- शिवाधर पासवान- जनता दल
1995- सुरेश पासी- बहुजन समाज पार्टी
2000- सुरेश पासी- बहुजन समाज पार्टी
2005- सुरेश पासी- आरजेडी
2005- छेदी पासवान- जेडीयू
2010- छेदी पासवान- जेडीयू
2014- निरंजन राम- बीजेपी
2015- निरंजन राम- बीजेपी
2020- संगीता कुमारी- आरजेडी
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