मोहिउद्दीननगर विधानसभा सीट समस्तीपुर जिले में आती है। यह इलाका गांव और कस्बे के बीच की स्थिति में आता है। मोहिउद्दीननगर से कुछ ही दूरी पर देश की सबसे बड़ी नदी गंगा है, जिसकी वजह से यहां अच्छी कृषि होती है। मोहीउद्दीननगर का नाम मशहूर सूफी संत शाह अफाक मोहीउद्दीन के सम्मान में रखा गया है। अफाक मोहीउद्दीन मध्य काल के चुनार के शाह कासिम सुलेमान के वंशज माने जाते हैं। मोहिउद्दीननगर का नाम भले ही मुस्लिम संत के नाम पर है लेकिन यहां मुस्लिम आबादी बहुत कम है।
मोहिउद्दीननगर में लोग मैथिली संस्कृति का पालन करते हैं। यहां के लोग हिंदी, अंगिका और मैथिली भाषा बोलते हैं। पुराना काली मंदिर, करीम नगर का शिव मंदिर और मीनार वाली मस्जिद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। हालांकि, मोहिउद्दीननगर में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।
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मौजूदा समीकरण?
मोहिउद्दीननगर विधानसभा सीट में कभी भी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। यहां के वोटर ऐसे हैं कि वह हर पांच या दस साल में बदलाव करते हैं। यानी किसी भी पार्टी का विधायक या तो एक बार या फिर ज्यादा से ज्यादा दो बार विधायक रहता है। इसके बाद मोहिउद्दीननगर की जनता बदलाव कर देती है। जैसे 2005 में मोहिउद्दीननगर से आरजेडी ने चुनाव जीता था, 2010 में बीजेपी ने चुनाव जीता, इसके बाद 2015 में आरजेडी और 2020 में बीजेपी ने फिर से इस सीट पर चुनाव जीत लिया। यह एक सामान्य सीट है। मोहिउद्दीननगर विधानसभा सीट पर 30 फीसदी राय और 11 फीसदी राजपूत वोटर हैं। यहां 17.19 फीसदी अनुसूचित जाति और 5.5 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं।
2020 में क्या हुआ था?
मोहिउद्दीननगर सीट पर 2020 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में बीजेपी से राजेश कुमार सिंह ने आरजेडी की एज्या यादव को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। हार का अंतर 15,114 वोटों का था। बीजेपी के राजेश कुमार ने 47.51 फीसदी वोट पाते हुए 70,385 वोट हासिल किया था, जबकि एज्या यादव को 55,271 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के अजय कुमार बुल्गानिन को 5,752 वोट मिले थे। विधानसभा के पुराने इतिहास को देखते हुए इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि यहां की जनता दूसरे दल के प्रत्याशी को मौका देगी।
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विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक राजेश कुमार सिंह मोहिउद्दीननगर से पहली बार 2020 में विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। वह समस्तीपुर जिले की राजनीति में समय से सक्रिय हैं। 44 साल के राजेश कुमार कम उम्र के हैं, जिससे इस क्षेत्र में राजनीति करने के लिए उनके पास काफी समय है। राजेश कुमार सिंह की पढ़ाई की बात करें तो वह ग्रेजुएट हैं। उन्होंने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से साल 1995 में स्नातक की परीक्षा पास की थई। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, समाज सेवा और कृषि है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 3.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
मोहीउद्दीननगर को साल 1951 में विधानसभा क्षेत्र के रूप में मान्यता मिली थी। मगर, 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बन गई, जबकि पहले यह समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में आती थी। इस सीट की संख्या 137 है। अब तक यहां 18 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, इसमें 2014 का उपचुनाव भी शामिल है। यहां कांग्रेस ने पांच बार, आरजेडी चार बार, जबकि बीजेपी और जेडीयू को दो-दो बार सफलता मिली है।
1952- रामरूप प्रसाद राय (कांग्रेस)
1957- शांति देवी (कांग्रेस)
1962- शांति देवी (कांग्रेस)
1967- प्रेमलता राय (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1969- कपिलदेव नारायण सिंह (निर्दलीय)
1972- कपिलदेव नारायण सिंह (कांग्रेस)
1977- प्रेमलता राय (जनता पार्टी)
1980- राम चंद्र राय (कांग्रेस)
1985- अनुग्रह नारायण सिंह (कांग्रेस)
1990- राम चंद्र राय (जनता दल)
1995- राम चंद्र राय (जनता दल)
2000- राम चंद्र राय (आरजेडी)
2005- अजय कुमार बुल्गानिन (एलजेपी)
2005- अजय कुमार बुल्गानिन (आरजेडी)
2010- राणा गंगेश्वर सिंह (बीजेपी)
2014- अजय कुमार बुल्गानिन (आरजेडी)
2015- एज्या यादव (आरजेडी)
2020- राजेश कुमार सिंह (बीजेपी)