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बिहार के 31 विधायकों की उम्र 70 के पार, फिर भी चुनाव लड़ने को हैं तैयार

बिहार के विधानसभा चुनाव में इस बार लगभग ढाई दर्जन विधायक ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 के पार है लेकिन वे इस बार भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

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AI Generated Image, Photo Credit: Sora AI

संजय सिंह, पटना: लंबा राजनीतिक सफर तय करने वाले कई नेताओं पर विभिन्न दलों ने आस्था जताई है। उधर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कुछ लोगों के टिकट काटकर राजनीति से संन्यास लेने की सलाह दी है। जनत दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और राज्य सरकार में मंत्री रहे विजेंद्र यादव सुपौल विधानसभा क्षेत्र से नौंवी बार विधायक बनने के लिए अपना नामांकन पत्र भर चुके हैं। बीजेपी ने अपने पुराने नेता प्रेम कुमार को भी चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है। हरनौत के जेडीयू विधायक हरि नारायण सिंह भी 70 के पार हैं। विभिन्न दलों के 31 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 70 की उम्र पार कर ली है। बीजेपी ने अधिक उम्र का हवाला देकर विधानसभा अध्यक्ष रहे नंदकिशोर यादव, अरुण सिन्हा, पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह जैसे महत्वपूर्ण नेताओं को टिकट नहीं दिया। उम्रदराज नेताओं को दरकिनार करना इतना आसान नहीं होता। उनका अनुभव और लोकप्रियता क्षेत्र में बनी रहती है। 

 

अपने राजनीतिक अनुभव और लोकप्रियता के कारण JDU नेता और पूर्व मंत्री विजेंद्र नारायण यादव 1990 से लगातार सुपौल विधानसभा से चुनाव जीत रहे हैं। उन्होंने आज तक पराजय का मुंह नहीं देखा है। वह नीतीश कुमार के सबसे भरोसे मंत्री माने जाते थे। इस बार वह नौंवी बार विधायक बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। अपनी स्वच्छ छवि और ईमानदारी के कारण वह सुपौल विधानसभा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। विकास के मामले में भी सुपौल विधानसभा क्षेत्र बेहतर है।

 

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जेडीयू ने नालंदा के हरनौत विधानसभा सीट से हरि नारायण सिंह को फिर चुनाव मैदान में उतारा है। अधिक उम्र होने के बावजूद इनकी सक्रियता क्षेत्र में बनी रहती है। विकास के मामले में भी इनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है। मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से JDU ने नरेंद्र नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया है। वह भी अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। इसी तरह पन्ना लाल पटेल, अनिरुद्ध यादव और गुंजेश्वर साह को JDU ने फिर से लड़ने का मौका दिया है। 

प्रेम कुमार पर बीजेपी को भरोसा

 

बीजेपी नेता डॉ. प्रेम कुमार भी 1990 से विधायक हैं। पहली बार उन्होंने गया शहर से चुनाव जीता था। उन्हें संगठन और सक्रिय राजनीति का अनुभव है और वह लगातार प्रमुख पदों पर रहे हैं। अधिक उम्र होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। वह कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। उन पर कभी कोई गंभीर आरोप नहीं लगा। बांका विधायक रामनारायण मंडल की उम्र भी अधिक हो गई है। उनके भी टिकट मिलने पर संशय था लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। ऐन वक्त पर टिकट मिलने से उनके समर्थकों में खुशी है। पिछड़े वर्ग के वोटरों पर उनकी पकड़ मजबूत है। उनका भी ट्रैक रिकॉर्ड कई बार विधायक बनने का है।

 

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BJP में ज्यादा हैं अधिक उम्र वाले विधायक

 

एक रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न दलों में 31 ऐसे विधायक हैं, जिनकी उम्र 70 के पार है। बीजेपी में ऐसे विधायकों की संख्या 12 है। बीजेपी ने कुछ लोगों का टिकट भी काटा है। RJD में भी अवध बिहारी चौधरी (सीवान), मु. नेहाल उद्दीन (रफीगंज), अशरफ सिद्दकी (नाथनगर) और डॉ. रामानंद यादव की उम्र भी अधिक है। कांग्रेस में भी उम्रदराज विधायकों की सूची में विजय शंकर दुबे, अजीत शर्मा, मनोहर प्रसाद सिंह के नाम शामिल हैं। 70 की उम्र पार कर चुके इन विधायकों के जोश को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार की राजनीति में उम्र नहीं जज्बा और जनाधार असली ताकत है।

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