पिछले चुनाव में मुंगेर विधानसभा सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत मिली। यह विधानसभा सीट लोकसभा में मुंगेर का ही हिस्सा है। अभी तक यहां आरजेडी और जेडीयू का दबदबा रहा है, लेकिन बीजेपी ने यादव प्रत्याशी पर दांव खेलकर अपनी सियासी धमक दर्ज कराई। विधानसभा सीट का गठन मुंगेर सदर और बरियारपुर प्रखंड को मिलाकर किया गया है।
मुंगेर की गिनती बिहार के प्रमुख शहरों में होती है। गंगा नदी के किनारे बसा मुंगेर और उसके पास का ही शहर जमालपुर एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है। साल 1957 में मुंगेर को एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट बनाया गया।
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मौजूदा समीकरण
2020 चुनाव के आंकड़े के मुताबिक मुंगेर में कुल मतदाताओं की संख्या 3,39,048 है। करीब 52.22 फीसद मतदाता ग्रामीण और 47.78 फीसद शहरी क्षेत्र में रहते हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी करीब 13 फीसद है। 12.5 फीसद यादव वोटर्स हैं। अगर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी लगभग 9.63 प्रतिशत है। मुंगेर विधानसभा सीट की गिनती यादव, मुस्लिम और वैश्य बाहुल्य सीटों में होती है।
2020 चुनाव का रिजल्ट
पिछले चुनाव में मुंगेर से कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। आरजेडी ने अविनाश कुमार विद्यार्थी पर भरोसा जताया। बीजेपी ने प्रणव कुमार यादव को टिकट दिया। मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों प्रत्याशियों के बीच रहा। बीजेपी के प्रणव कुमार को कुल 75,573 वोट मिले। आरजेडी उम्मीदवार के हिस्से में 74,329 मत आए। कांटे की टक्कर में प्रणव कुमार यादव ने 1,244 मतों से जीत हासिल की। मुंगेर सीट पर यह बीजेपी की पहली जीत है।
मौजूदा विधायक का परिचय
साल 2023 में मुंगेर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर और विधायक प्रणव कुमार के बीच झगड़े का मामला सामने आया था। डॉक्टर ने विधायक पर वार्ड में कॉलर पकड़ने का आरोप लगाया था। वहीं डॉक्टर पर विधायक ने बदतमीजी करने का आरोप जड़ा था। आरजेडी प्रदेश महासचिव पंकज यादव पर फायरिंग मामले में विधायक प्रणव कुमार ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा था। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक विधायक प्रणव कुमार के पास 54 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति है। तीन लाख रुपये से ज्यादा की देनदारी है। उन्होंने 1996 में मुंगेर के आरडी एंड डीजे कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए ऑनर्स किया। हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
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विधानसभा सीट का इतिहास
मुंगेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 1972 में जीती थी। पार्टी को तीन बार सफलता मिली। आरजेडी और जेडीयू को भी तीन-तीन बार जीत मिली। भाजपा ने 2020 में पहली बार जीत हासिल की। इसके अलावा सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी, लोकदल और जनता पार्टी (सेक्युलर) को एक-एक बार जीत मिली। बिहार के पूर्व मंत्री रामदेव सिंह यादव मुंगेर सीट से जीत की हैट-ट्रिक लगा चुके हैं। पूर्व सांसद मोनाजिर हसन मुंगेर से चार बार विधायक रह चुके हैं।
मुंगेर विधानसभा: कब-कौन जीता
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वर्ष |
विजेता |
दल |
1957 |
निरपद मुखर्जी |
कांग्रेस |
1962 |
रामगोविंद वर्मा |
कांग्रेस |
1967 |
हासिम |
सोशलिस्ट पार्टी |
1969 |
रवीश चंद्र वर्मा |
भारतीय जनसंघ |
1972 |
प्रफुल्ल कुमार मिश्रा |
कांग्रेस |
1977 |
सैयद जाबिर हुसैन |
जनता पार्टी |
1980 |
रामदेव सिंह यादव |
जनता पार्टी (सेक्युलर) |
1985 |
रामदेव सिंह यादव |
लोकदल |
1990 |
रामदेव सिंह यादव |
जनता दल |
1995 |
मोनाजिर हसन |
जनता दल |
2000 |
मोनाजिर हसन |
आरजेडी |
2005 (फरवरी) |
मोनाजिर हसन |
जेडीयू |
2005 (नवंबर) |
मोनाजिर हसन |
जेडीयू |
2009 |
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता (उपचुनाव) |
आरजेडी |
2010 |
अनंत कुमार सत्यार्थी |
जेडीयू |
2015 |
विजय कुमार यादव |
आरजेडी |
2020 |
प्रणव कुमार यादव |
बीजेपी |