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नबीनगर विधानसभा: क्या एकजुट होकर RJD का मुकाबला कर पाएगा NDA?

औरंगाबाद की नबीनगर विधानसभा सीट पर अभी आरजेडी का कब्जा है। लगातार दो जीत के बाद पिछले चुनाव में एनडीए यहां से हार गया था।

nabinagar assembly

नबीनगर विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

बिहार के औरंगाबाद में आने वाली नबीनगर विधानसभा का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना है। यह वह विधानसभा है, जहां से बिहार के पहले डिप्टी सीएम अनुग्रह नारायण सिन्हा विधायक थे। अनुग्रह नाराणय सिन्हा, महात्मा गांधी के करीबियों में गिने जाते थे। वह 1946 से 1957 तक बिहार के डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ वित्त मंत्री भी थे।


अनुग्रह नारायण सिन्हा और उनके परिवार का दशकों तक नबीनगर में प्रभाव रहा। उनके बेटे सत्येंद्र नारायण सिन्हा मार्च 1989 से दिसंबर 1989 तक बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे। उन्हें 'छोटे साहेब' कहा जाता था। सत्येंद्र नारायण की पत्नी किशोरी सिन्हा दो बार वैशाली से लोकसभा सांसद थीं। उनके बेटे निखिल कुमार भी दिल्ली पुलिस के कमिश्नर होने के अलावा औरंगाबाद से सांसद रह चुके हैं।

मौजूदा समीकरण

नबीनगर में दशकों तक सिन्हा परिवार का प्रभाव रहा है। हालांकि, कुछ सालों में यहां की राजनीति बदली है। 2000 से 2020 तक हुए 6 विधानसभा चुनावों में से 3 बार आरजेडी, 2 बार जेडीयू और एक बार एलजेपी की जीत हुई है। अब यहां आरजेडी का प्रभाव ज्यादा माना जाता है। नबीनगर सीट काराकाट लोकसभा में आती है। काराकाट सीट पर महागठबंधन की CPI(ML)L का कब्जा है। पिछली बार एनडीए बंटा हुआ था और इसका खामियाजा भी हुआ था। हालांकि, माना जा रहा है कि इस बार एनडीए के एकजुट रहने पर भी उसे कड़ी चुनौती मिल सकती है।

 

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2020 में क्या हुआ था?

पिछले विधानसभा चुनाव में नबीनगर से आरजेडी के विजय कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। उन्होंने जेडीयू के वीरेंद्र कुमार सिंह को 20,121 वोटों से हराया था। 2020 में विजय कुमार को 64,943 और वीरेंद्र कुमार को 44,822 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर RLSP (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा) के धर्मेंद्र कुमार थे, जिन्हें 23,490 वोट मिले थे। चौथे नंबर पर 9,140 वोटों के साथ एलजेपी के विजय कुमार सिंह रहे थे।

विधायक का परिचय

नबीनगर से अभी आरजेडी के विजय कुमार सिंह विधायक हैं। विजय कुमार सिंह अक्टूबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2020 में आरजेडी के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता।


विजय कुमार सिंह को डबलू सिंह के नाम से भी जाना जाता है। अपराध की दुनिया से भी उनका नाता रहा है। 2015 के चर्चित नवीन सिंह हत्याकांड में भी उनका नाम आया था और इसके लिए उन्हें जेल भी हुई थी। नवीन सिंह एक ठेकेदार थे और विजय कुमार के ममेरे भाई भी।


2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में विजय कुमार ने अपने पास 7.30 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी। उनके खिलाफ 5 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। उनपर हत्या और हत्या की कोशिश जैसे गंभीर आरोप भी हैं।

 

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विधानसभा का इतिहास

नबीनगर सीट पर 1996 का उपचुनाव मिलाकर अब तक 18 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें 8 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद भी यहां से विधायक रह चुकी हैं। 

  • 1952: अनुग्रह नारायण सिन्हा (कांग्रेस)
  • 1957: देवधरी राम (कांग्रेस)
  • 1962: सत्येंद्र नारायण सिन्हा (कांग्रेस)
  • 1967: सत्येंद्र नारायण सिन्हा (कांग्रेस)
  • 1969: महावीर प्रसाद अकेला (सीपीआई)
  • 1972: युगल सिंह (कांग्रेस)
  • 1977: युगल सिंह (जनता पार्टी)
  • 1980: रघुवंश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1985: रघुवंश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1990: रघुवंश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1995: वीरेंद्र कुमार सिंह (जनता दल)
  • 1996: लवली आनंद (बिहार पीपुल्स पार्टी)
  • 2000: भीम कुमार यादव (आरजेडी)
  • 2005: भीम कुमार यादव (आरजेडी)
  • 2005: विजय कुमार सिंह (एलजेपी)
  • 2010: वीरेंद्र कुमार सिंह (जेडीयू)
  • 2015: वीरेंद्र कुमार सिंह (जेडीयू)
  • 2020: विजय कुमार सिंह (आरजेडी)

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