बिहार में नेताओं के परिवार में खूब बंटे टिकट, BJP ने कितनों को उतारा?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लगभग 42 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके परिवार के सदस्य पहले सांसद या विधायक रह चुके हैं। राज्य की राजनीति में परिवारवाद गहराई से फैला है।

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit- BJP
देश की राजनीति में परिवारवाद का बोलबाला है। बिहार विधानसभा 2025 की चुनाव की बात करें तो चुनाव में कम से कम 42 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके परिवार में से कोई न कोई सांसद या विधायक रहे हैं। बिहार में तो राजनीति की जड़ में परिवारवाद है। टिकट देने में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लोकजनशक्ति पार्टी (राम विलास) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत ज्यादातर दलों ने नेताओं के परिवार के सदस्यों को तरजीह दी है। वैसे जन सुराज ने भी कुछ ऐसे लोगों को टिकट दिया है जो किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं।
परिवारवाद की राजनीति में बीजेपी को लेकर सवाल खड़ा करना लाजमी है। पार्टी अक्सर परिवारवाद के मुद्दे पर मुखर रही है। इसे लेकर विपक्षी दलों पर बीजेपी लगातार हमलावर रही है। बिहार चुनाव में इसके उलट बीजेपी ने अपने 101 उम्मीदवार में से 11 ऐसे लोग को टिकट दिया है, जिनका रिश्ता किसी न किसी परिवार से जुड़ा हुआ है।
यह भी पढ़ें- 243 सीटें लड़ने का दावा कर रहे प्रशांत किशोर, 2 कैंडेडिट ने वापस ले लिया नाम
बीजेपी की लिस्ट पर नजर डालते हैं -
- राघवेंद्र प्रताप सिंह- बरहरा से मौजूद विधायक राघवेंद्र को सीट से फिर से टिकट मिला है। उनके पिता अंबिका शरण सिंह को 1950 से 1970 के दशक के बीच 5 बार विधायक और बिहार सरकार में डिप्टी वित्त मंत्री रह चुके हैं।
- नीतीश मिश्रा- झंझारपुर से विधायक नीतिश मिश्रा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे हैं। पार्टी ने फिर से इनको टिकट दिया है। चाचा ललित नारायण मिश्रा भी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
- अरुण सिंह- बरुराज से विधायक अरुण कुमार सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं। उनके दादा युमना सिंह 1980 में और पिता बृजकिशोर सिंह 2010 में विधायक रह चुके हैं।
- नितिन नवीन- बांकीपुर से विधायक नितिन नवीन को फिर से टिकट मिला है। उनके पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा, 1990 और 2000 के दशक में पटना पश्चिम सीट से कई बार विधायक थे।
- संजीव चौरसिया- दीघा विधायक संजीव चौरसिया के पिता गंगा प्रसाद चौरसिया 1994 से 2012 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे थे। बाद में सिक्किम के राज्यपाल बने।
- राणा रणधीर- मधुबन से विधायक राणा रणधीर के पिता सीताराम सिंह इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं। वह बिहार सरकार में मंत्री और शिवहर से सांसद रह चुके हैं।
- देवेश कांत सिंह- गोरियाकोठी से विधायक देवेश कांत सिंह के पिता भूमेंद्र नारायण सिंह दो बार विधायक रहे। उनके दादा कृष्णकांत सिंह 1967 में विधायक बने थे।
- निशा सिंह- प्राणपुर से विधायक निशा सिंह को फिर से टिकट दिया गया है। उनके पति विनोद कुमार सिंह यहीं से विधायक और अक्टूबर 2020 तक बिहार सरकार में मंत्री थे।
- गायत्री देवी- परिहार से विधायक गायत्री देवी के ससुर राम नरेश प्रसाद यादव, 2010 में इसी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक चुने गए थे।
- सुजीत कुमार सिंह- पूर्व IT कमिश्नर सुजीत कुमार सिंह को पहली बार बीजेपी से टिकट मिला है। उनकी पत्नी, स्वर्णा सिंह, इसी सीट से मौजूदा विधायक हैं। वह 2020 में VIP के टिकट पर जीतीं और बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं। इसके अलावा, उनके पिता सुनील कुमार सिंह भी दरभंगा से कई बार बीजेपी से विधायक रहे हैं।
- श्रेयसी सिंह- अंतरराष्ट्रीय शूटर और जमुई से विधायक श्रेयसी सिंह को फिर से टिकट मिला है। उनके पिता दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बांका से कई बार सांसद रह चुके हैं। उनकी माता, पुतुल कुमारी 2010 में बांका से सांसद रह चुकी हैं।
यह भी पढ़ें- नामांकन भरने आए RJD उम्मीदवार को झारखंड की पुलिस क्यों पकड़ ले गई?
केंद्र में बीजेपी का परिवारवाद
1. ज्योतिरादित्य सिंधिया- नागरिक उड्डयन मंत्री, माधवराव सिंधिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री) के बेटे, और विजया राजे सिंधिया (बीजेपी संस्थापक सदस्य) के पोते।
2. पीयूष गोयल- वाणिज्य और उद्योग मंत्री, वेद प्रकाश गोयल (बीजेपी के पूर्व नेशनल ट्रेजरर और पूर्व केंद्रीय मंत्री) के बेटे।
3. धर्मेंद्र प्रधान- केंद्रीय मंत्री (शिक्षा मंत्री), देबेंद्र प्रधान (वाजपेयी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री) के बेटे।
4. राव इंद्रजीत सिंह- केंद्रीय मंत्री, राव वीरेंद्र सिंह (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री) के बेटे।
5. अनुराग ठाकुर- केंद्रीय मंत्री, प्रेम कुमार धूमल (हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) के बेटे।
6. मेनका गांधी- सांसद (पूर्व केंद्रीय मंत्री) और इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी की पत्नी।
7. वरुण गांधी- पीलीभीत से पूर्व सांसद, मेनका गांधी के बेटे और संजय गांधी के पोते।
8. पूनम महाजन- सांसद , प्रमोद महाजन (पूर्व केंद्रीय मंत्री) की बेटी।
9. प्रीतम मुंडे- सांसद, गोपीनाथ मुंडे (पूर्व केंद्रीय मंत्री) की बेटी।
10. बी.वाई. राघवेंद्र- सांसद, बी.एस. येदियुरप्पा (कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री) के बेटे।
11. दीया कुमारी- पूर्व सांसद, डिप्टी-सीएम, राजस्थान, महाराजा मान सिंह 2 के परिवार से, जयपुर राजघराने से जुड़ीं।
12. बांसुरी स्वराज- सांसद, सुषमा स्वराज की बेटी।
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के कुल उम्मीदवारों में से लगभग 18% से 20% उम्मीदवार ऐसे थे जो किसी राजनीतिक परिवार से संबंध रखते थे। यदि यह अनुपात संसद में और मंत्रियों में भी लागू होता है, तो संख्या काफी हो सकती है। बिहार में 101 उम्मीदवारों में से 11 नाम ऐसे हैं, जो राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं यानी 10.9% उम्मीदवार परिवारवादी हैं।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap