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तेजस्वी यादव के गढ़ में प्रशांत किशोर, जन सुराज का प्लान क्या है?

प्रशांत किशोर ने राघोपुर से जनसुराज पार्टी का चुनावी अभिायन शुरू किया है। उन्होंने तेजस्वी यादव को एक बार फिर चुनौती दी है। वह क्या सोच रहे हैं, आइए समझते हैं।

Prashant Kishor

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर। (Photo Credit: JanSuraj/X)

प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी वैसे तो 3 साल से कर रहे थे लेकिन अब औपचारिक रूप से उन्होंने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। प्रशांत किशोर ने वैशाली जिले के राघोपुर में शनिवार सुबह ढोल-नगाड़ों के बीच जन सुराज पार्टी का चुनावी अभियान शुरू किया। राघोपुर वही सीट है, जहां से राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव विधायक हैं।

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान जैसे ही किया, प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के 51 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। इसके बाद वह सबसे पहले राघोपुर में रोडशो करने पहुंचे। उनके रोड शो में दर्जनों घोड़े और एसयूवी गाड़ियों का काफिला शामिल था। 

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कहां-कहां गए प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर का काफिला हिम्मतपुर दियारा से शुरू हुआ और रुस्तमपुर चौक, कबीर चौक, फतेहपुर, राघोपुर ब्लॉक कार्यालय, पहाड़पुर पूर्व और चंदेल द्वार पर रुकता हुआ शाम को चंदेल द्वार के पास खत्म हुआ। रास्ते में लोगों ने प्रशांत किशोर का स्वागत किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। उनकी रैली में भी वैसी ही भीड़ नजर आई जैसी एनडीए या महागठबंधन की पार्टियों में होती है। 

RJD के गढ़ से ही क्यों पीके ने की शुरुआत?

राघोपुर, गंगा नदी के किनारे बसा है। यहां यादव मतदाता बहुत असरदार हैं। साल 2000 में लालू प्रसाद यादव ने इस सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने यह सीट अपनी पत्नी राबड़ी देवी के लिए छोड़ दी थी। राबड़ी ने 2005 तक यह सीट संभाली, लेकिन 2010 में जेडी(यू) के सतीश कुमार यादव से हार गईं। 2015 में तेजस्वी यादव ने इस सीट पर कब्जा जमाया और 2020 में भी उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की। 

 

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प्रशांत किशोर यह संदेश देना चाहते हैं कि वह मुख्य धारा की राजनीति में हैं। वह तेजस्वी और नीतीश कुमार दोनों का विकल्प हैं। वह बिहार में तीसरे मोर्चे की कवायद कर रहे हैं, उनका कहना है कि वैकल्पिक राजनीति ही बिहार की दशा-दिशा तय करेगी।  वह अब कई बार कह चुके हैं कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, सत्ता के दावेदार, नीतीश कुमार से ज्यादा तेजस्वी हैं। वह नीतीश कुमार की जगह अभी तेजस्वी यादव को ही चुनौती दे रहे हैं।

 

क्या राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर ने रोडशो से पहले इशारा किया था कि वह तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसका फैसला उनकी पार्टी रविवार को होने वाली बैठक में करेगी। रोडशो के दौरान उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव इस बार राघोपुर से हार जाएंगे, जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेठी से हारे थे।

प्रशांत किशोर, जन सुराज:-
तेजस्वी दूसरी सीट तलाश रहे हैं। उनकी स्थिति राहुल गांधी जैसी हो सकती है, जो अमेठी हार गए थे।

प्रशांत किशोर पर क्या सोच रहे हैं लोग?

प्रशांत किशोर की दावेदारी पर स्थानीय लोग थोड़ा हिचकते हैं। लोगों का कहना है कि प्रशांत किशोर नई राजनीति तो कर रहे हैं लेकिन जनसमर्थन अभी मुख्य धारा की पार्टियों जैसा नहीं है। वह लोगों से मिलते हैं, लगातार 3 साल से बिहार के लोगों के लिए काम कर रहे हैं लेकिन अभी उन्हें ठीक तरह से लोग पहचान नहीं पाए हैं। तेजस्वी यादव के साथ विरासत है, लोकप्रिय हैं।

 

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क्या है प्रशांत किशोर की रणनीति?

प्रशांत किशोर का राघोपुर में रोडशो उनकी पार्टी के लिए माहौल बनाने की कोशिश है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि वह खुद तेजस्वी के खिलाफ मैदान में उतरने वाले हैं या किसी और उम्मीदवार को मौका देंगे। बिहार की सियासत में वह चर्चा में हैं।

बिहार में चुनाव कब क्या है?

बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में चुनाव होगा। पहले 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोटिंग होगी, वहीं 122 विधानसभाओं पर दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को वोटिंग होगी।

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