रामकृष्ण पुरम के नाम से मशहूर आरके पुरम दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है। आरके पुरम दिल्ली में एक आवासीय कॉलोनी है जो कई हाई-प्रोफाइल कॉर्पोरेट के आवास के लिए जानी जाती है। यह क्षेत्र दिल्ली में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के आवास के लिए बनाए गए सबसे पुराने और सबसे बड़े विकासों में से एक मानी जाती है।
भौगोलिक दृष्टि से, आरके पुरम, उत्तर में रिंग रोड, दक्षिण में वसंत विहार की ओर आउटर रिंग रोड, पश्चिम में राव तुला राम मार्ग और पूर्व में अफ्रीका एवेन्यू से घिरा है। इस क्षेत्र का उत्तर-पूर्वी कोना मैडम भीकाजी कामा प्लेस के नाम से जाना जाने वाला एक विशिष्ट व्यावसायिक केंद्र है। इस विधानसभा में 22 छोटी-बड़ी झुग्गी बस्ती और अवैध कॉलोनियां हैं। वहीं, वसंत विहार और आनंद निकेतन जैसी दो पॉश कॉलोनी भी हैं।
आरके पुरम की समस्याएं क्या हैं?
फ्री बिजली नहीं मिल रही और लोग गंदगी में शौच करने को मजबूर हो रहे। यहां 10 से 12 पब्लिक टॉयलेट है जिसमें 400 से 500 लोगों जाने को मजबूर हो रहे। आधे से एक घंटे के बीच पीने का पानी आता है जो कि गंदगी से भरा हुआ होता है। आरके पुरम में स्थित झुग्गियों में कहीं भी शौच की व्यवस्था नहीं है। निवासियों को रात के अंधेरें में पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करना पड़ा रहा है। इलाके में छोटी नालियां होने के कारण कई घरों में शौचालय नहीं बने हुए है।
2020 में क्या हुआ था?
2020 में इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। 2020 में आम आदमी पार्टी की प्रमिला टोकस ने भारतीय जनता पार्टी के अनिल कुमार शर्मा को 10369 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी। वह 2015 में भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं। हालांकि 2015 में उन्हें 19068 मतों के अंतर से जीत मिली थी।
विधानसभा का इतिहास
आरके पुरम सीट पर विधानसभा चुनाव 2015 में आप की प्रमिला टोकस ने जीत हासिल की थी। उन्हें 54645 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के अनिल कुमार को 35577 वोट मिले। इस चुनाव में अनिल को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इसके बावजूद भाजपा ने उन पर भरोसा जताते हुए 2020 विधानसभा चुनाव का टिकट दिया। बता दें कि 2013 के चुनाव में आरके पुरम सीट से अनिल ने जीत हासिल की थी। वैसे माना जाता है कि आरके पुरम विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1972 में कराया गया था. तब यहां से कांग्रेस के जगदीश चंद भारतीय जनसंघ के नेता ओंकार सिंह को हराकर विधायक बने थे। इस सीट पर सबसे ज्यादा 4 बार कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।
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जातिगत समीकरण
आरके पुरम में तकरीबन 1.56 लाख वोटर हैं। खास बात यह है कि यहां पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोगों का खासा बहुमत है। किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला यह दो लोग ही करते हैं।