बिहार की सबसे हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटों में से एक राघोपुर विधानसभा भी है। यहां से बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव विधायक हैं। यह विधानसभा लालू यादव परिवार की पारंपरिक विधानसभा है। यहां से 2 बार लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी तीन बार जीत चुकी हैं। उनके बेटे तेजस्वी यादव भी यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं।
ऐसा नहीं है कि इस विधानसभा से हमेशा आरजेडी को जीत ही मिली। राबड़ी देवी साल 2010 में जेडीयू के सतीश कुमार से यह सीट हार चुकी हैं। अब सतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। साल 2008 के परिसीमन के बाद विधानसभा के अंतर्गत दो ब्लॉक जोड़े गए, राघोपुर और बीदूपुर ब्लॉक। राघोपुर विधानसभा, हाजीपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। राघोपुर में 588645 वोटर हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 313045 है। महिला मतदाताओं की संख्या 275600 है। तेजस्वी यादव की विधानसभा में 8 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं।
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राघोपुर के मुद्दे क्या हैं
यह सीट बिहार की दूसरी सबसे हाई प्रोफाइल सीट होने के बाद भी पिछड़ी विधानसभाओं में शुमार है। राघोपुर बाढ़ से जूझ रहा है। तेजस्वी यादव के भाई तेज प्रताप सार्वजनिक मंच से इस विधानसभा की उपेक्षा को लेकर तेजस्वी यादव पर तंज कस चुके हैं। राघोपुर विधानसभा में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़क और बिजली की व्यवस्था खराब है। यह इलाका गंगा नदी का मैदानी हिस्सा है। स्कूल और अस्पताल की भी मांग ग्रामीण इलाकों में होती है।
विधायक का परिचय
राघोपुर के विधायक तेजस्वी यादव हैं। 9 नवंबर 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव, लालू यादव के छोटे बेटे हैं। वह पुराने क्रिकेटर रहे हैं, अब राजनीति में हैं। गोपालगंज में पले-बढ़े तेजस्वी यादव, अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। वह नौंवी पास हैं। पटना और दिल्ली पब्लिक स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की है। साल 2015 से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, पहली बार विधायक चुने गए। वह महागठबंधन की सरकार में रहे। पहली बार में ही डिप्टी सीएम का पद मिल गया। सरकार टूटी, वह पहली बार नेता प्रतिपक्ष भी साल 2018 में बने। 2015 और 2020 के चुनाव में वह राघोपुर विधानसभा से विधायक चुने गए। तेजस्वी यादव ने अपनी संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं।
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2020 का चुनाव
राघोपुर विधानसभा से तेजस्वी यादव ने साल 2015 और 2020 में जीत हासिल की। 2020 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के सतीश कुमार को चुनावी मैदान में उतार दिया था। जीत का अंतर 38,174 रहा। 2015 में भी सतीश कुमार को हार मिली थी।
सीट का इतिहास
राघोपुर में साल 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। तब यहां से कांग्रेस पार्टी के हरिवंश नारायण सिंह चुनाव जीते। दूसरी बार 1957 में भी उन्हें जीत मिली। 1962 में देवेंद्र सिन्हा यहां से चुनाव जीते। वह सोशलिस्ट पार्टी से थे। इस विधानसभा से 3 बार कांग्रेस, 6 बार आरजेडी और 2 बार जेडीयू जीत चुकी है।
- 1952 विधानसभा चुनाव: हरिवंश नारायण सिंह, कांग्रेस
- 1957 विधानसभा चुनाव: हरिवंश नारायण सिंह, कांग्रेस
- 1962 विधानसभा चुनाव: देवेंद्र सिन्हा, सोशलिस्ट पार्टी
- 1967 विधानसभा चुनाव: हरिवंश नारायण सिंह, भारतीय जनसंघ
- 1969 विधानसभा चुनाव: रामबृक्ष राय, कांग्रेस
- 1972 विधानसभा चुनाव: बाबू लाल शास्त्री, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
- 1977 विधानसभा चुनाव: बाबू लाल शास्त्री, जनता पार्टी
- 1980 विधानसभा चुनाव: उदय नारायण राय, जनता पार्टी (सेक्युलर)
- 1985 विधानसभा चुनाव: उदय नारायण राय, लोक दल
- 1990 विधानसभा चुनाव: उदय नारायण राय, जनता दल
- 1995 विधानसभा चुनाव: लालू प्रसाद यादव, जनता दल
- 1998 विधानसभा उप चुनाव: राजगीर चौधरी, आरजेडी
- 2000 विधानसभा चुनाव: लालू प्रसाद यादव, आरजेडी
- 2000 विधानसभा चुनाव: राबड़ी देवी, आरजेडी
- 2005 विधानसभा चुनाव: रबड़ी देवी, आरजेडी
- 2005 विधानसभा चुनाव: सुरेंद्र प्रसाद यादव, आरजेडी
- 2010 विधानसभा चुनाव: सतीश कुमार यादव, जेडीयू
- 2015 विधानसभा चुनाव: तेजस्वी यादव, आरजेडी
- 2020 विधानसभा चुनाव: तेजस्वी यादव,आरजेडी