बिहार का वैशाली जिला में 8 विधानसभा सीटें हैं। इन्हीं विधानसभाओं में से एक विधानसभा है राजापाकर। यह एक आरक्षित सीट है। यहां से कांग्रेस पार्टी की प्रतिमा कुमारी दास विधायक हैं। विधानसभा की सीट संख्या 127 है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद राजापाकर विधानसभा अस्तित्व में आई। यह विधानसभा देसरी और सहदेई बुजुर्ग सामुदायिक खंडों को मिलाकर बनी है।
राजापाकर विधानसभा, गंडक और गंगा नदी के किनारे बसा है। यह हाजीपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है। यह विधानसभा, बिहार की सबसे पिछड़ी विधानसभाओं में से एक है। यहां धान, गेंहू और मक्का जैसी फसलें उगाई जाती हैं। कुछ जगहों पर गन्ने की भी खेती होती है। यहां से हाजीपुर 17 किलोमीटर दूर है। राजधानी पटना की दूरी 40 किलोमीटर है और मुजफ्फरपुर 50 किलोमीटर की दूरी पर है।
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मुद्दे क्या हैं?
तीन प्रमुख शहरों के बाद भी यहां पिछड़ापन है। शिक्षा, बेरोजगार और रोजगार यहां की सबसे बड़ी समस्या है। पलायन की वजह से लोग दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में रोजगार के लिए जाते हैं। इलाके में एक भी बड़ा उद्योग नहीं है, जहां जाकर ये रोजगार हासिल कर सकें। विधानसभा का ज्यादातर इलाका ग्रामीण है।
सामाजिक तानाबाना
राजापाकर विधानसभा में कुल 478987 वोटर हैं। यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 254514 है, वहीं 224473 महिला मतदाता हैं। 10 मतदाताओं ने थर्ड जेंडर का विकल्प चुना है। राजापाकर विधानसभा में अनूसूचित जाति के वोटरों की संख्या ज्यादा है। ब्राह्मण, ठाकुर और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
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विधायक का परिचय
प्रतिमा कुमारी राजापाकर की विधाक हैं। वह कांग्रेस पार्टी से हैं। उनका घर मधुबन, मूलचंद, पटना में है। उन्होंने साल 2020 के चुनाव में अफनी संपत्ति 80 लाख से ज्यादा बताई थी। वह मगध विश्वविद्यालय, पटना से एलएलबी हैं। उन्होंने बीआरएयू कॉलेज गया से बीएससी की पढ़ाई की है। उन पर कुल कर्ज 17 लाख के करीब है। उनके खिलाफ सिर्फ 1 आपराधिक मामला दर्ज है।
2020 का चुनाव
साल 2020 में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस पार्टी के खाते में यह सीट गई। यहां से प्रतिमा कुमारी दास चुनावी मैदान में उतरीं। प्रतिमा कुमारी दास को कुल 54299 वोटर मिले, वहीं जेडीयू के महेंद्र राम को 52503 वोट पड़े। जीत का अंतर 1796 ही रहा। जेडीयू की हार के पीछे लोक जन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार धनंजय कुमार को जिम्मेदार कहा गया। यहां से चिराग पासवान ने धनंजय कुमार को उतार दिया था। उन्हें 24689 वोट पड़े।
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2025 का समीकरण
2025 के विधानसभा चुनाव में NDA भी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। वह बीते चुनाव में सिर्फ 1,796 वोटों से जीतीं थीं। तब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एनडीए के खेमे में नहीं थी। इस बार वह साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट, चिराग पासवान के खेमे को मिल सकती है। ऐसे में चुनाव निर्णायक हो सकता है।
सीट का इतिहास
राजापाकर विधानसभा में अब तक 3 बार चुनाव हुए हैं। यहां साल 2010 में JDU जीत हासिल की थी। साल 2015 में RJD ने बाजी मारी और 2020 के सीट बंटवारे में महागठबंधन ने यह सीट कांग्रेस को दे दी। 2020 में कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी दास को सीज मिली। जीत का अंतर बेहद कम रहा।
- 2010 विधानसभा चुनाव: संजय कुमार, जेडीयू
- 2015 विधानसभा चुनाव: शिव चंद्र राम, आरजेडी
- 2020 विधानसभा चुनाव: प्रतिमा कुमार दास, कांग्रेस