दिल्ली विधानसभा के मौजूदा स्पीकर राम निवास गोयल ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। राम निवास गोयल ने आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन राजनीति में सक्रिय रहेंगे। इधर राम निवास गोयल ने चिट्ठी लिखी और थोड़ी ही देर में इसी सीट से विधायक रहे जितेंद्र सिंह शंटी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। जितेंद्र सिंह शंटी शाहदरा सीट से ही शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2015 में राम निवास गोयल ने उन्हीं को हराकर चुनाव जीता था।
राम निवास गोयल वही नेता हैं जो साल 1993 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव जीते थे। वह दिल्ली की शाहदरा सीट से दो बार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार के विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे। पिछले चुनाव में वह लगभग 6 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के संजय गोयल से चुनाव जीते थे।
राम निवास गोयल के चुनाव न लड़ने की स्थिति में आम आदमी पार्टी को नए उम्मीदवार की तलाश करनी थी। पहले भी AAP के दो मंत्री पाला बदल चुके हैं और उसे मजबूत उम्मीदवारों की तलाश है। अब राम निवास गोयल के हटने के बाद AAP ने जितेंद्र सिंह शंटी को अपने साथ लेकर बीजेपी को एक और झटका दे दिया है। 2015 में जितेंद्र सिंह शंटी बीजेपी के टिकट पर ही चुनाव लड़े थे।
क्या है चुनाव न लड़ने की वजह?
राम निवास गोयल ने अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में कहा है, 'मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि पिछले 10 साल से शाहदरा विधानसभा के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने कुशलतापूर्वक अपना दायित्व निभाया है। आपने मुझे हमेशा बहुत सम्मान दिया है जिसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूंगा। पार्टी और सभी विधायकों ने भी मुझे बहुत सम्मान दिया है और इसके लिए मैं सबका आभार प्रकट करता हूं। अपनी आयु के कारणों से स्वयं को चुनावी राजनीति से अलग करना चाहता हूं। मैं आपको आश्वत करना चाहता हूं कि मैं AAP में रहकर तन-मन-धन से सेवा करता रहूंगा। आपके द्वारा जो भी दायित्व मुझे सौंपा जाएगा उसको निभाने का प्रयास करूंगा।'
कौन हैं राम निवास गोयल?
मूलरूप से हरियाणा के निवासी राम निवास गोयल कई दशकों से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर चुके राम निवास गोयल अब 76 साल के हो चुके हैं। उनका राजनीतिक करियर 1993 में ही शुरू हो गया था। दिल्ली के उस पहले विधानसभा चुनाव में ही राम निवास गोयल ने कांग्रेस के चमन लाल यादव को हराया था और विधायक बन गए थे। पांच साल विधायक रहे राम निवास गोयल 1998 में चुनाव नहीं लड़े। 2015 में आम आदमी पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ाया और एक बार फिर से उन्होंने कांग्रेस को ही मात दी।