दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी सक्रियता से आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल को घेर रही है। साथ ही बीजेपी अपनी चुनावी कैंपेन में AAP सरकार की योजनाओं और वादों को लेकर जनता के बीच जाकर हकीकत बता रही है। इस बीच दिल्ली के चुनावी महासमर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एंट्री हो गई है।
दिल्ली चुनाव में संघ सक्रिय हो चुका है और संगठन पूरी दिल्ली में हजारों छोटी-छोटी बैठकें करके लोगों को विकास के मुद्दों पर जागृत करेगा। साथ ही एक राष्ट्रवादी सरकार के गठन के लिए लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित करेगा। खबर है कि आरएसएस और बीजेपी के शीर्ष पदाधिकारियों के बीच पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में इसका खाका तैयार कर लिया गया है।
हरियाणा-महाराष्ट्र चुनावों में सफल रही रणनीति
संघ ने कुछ इसी तरह की रणनीति हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान बनाई थी, जो काफी सफल रही थी। संघ अब दिल्ली में भी उसी तरह का मॉडल अपनाने की तैयारी में है। बैठक में मुख्य संगठन के जनता के बीच सीधे सामने आने की बजाय अनुषांगिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों को छोटी-छोटी बैठकें करने का निर्देश दिया गया है। ऐसी बैठकें दिल्ली में शुरू हो चुकी हैं। इसमें स्थानीय स्तर पर लोगों को बुलाकर राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के विषयों की चर्चा की जा रही है।
पार्टी के विषय पर वहीं होगी कोई बात
आरएसएस सूत्रों ने इसके बारे में जानकारी दी है। बताया गया है कि रणनीति के तहत इन बैठकों में किसी पार्टी के विषय में लोगों से कोई बात नहीं की जाएगी। बल्कि लोगों से राष्ट्रीय, सामाजिक महत्त्व के विषयों को ध्यान में रखते हुए अपने वोट को करने की अपील की जाएगी है।
मूल विचार को बताया जाएगा संघ
इसके साथ ही संघ के शताब्दी वर्ष में जिन पांच विषयों को अपना मूल विचार घोषित किया गया है, इसमें वह भी लोगों को बताया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय महत्त्व को ध्यान में रखते हुए वोट करने से लेकर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने कर्तव्य तय करने की सोच को प्रमुखता दी जाएगी है।
बता दें कि दिल्ली के एमसीडी चुनाव में बीजेपी 15 साल सत्ता में रहने के बाद हार गई थी। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की एमसीडी की 15 साल की सत्ता हथिया ली थी। इस लिहाज से बीजेपी के लिए दिल्ली चुनाव में वापसी करना जरूरी माना जा रहा है।