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साहेबपुर कमाल विधानसभा: JDU भेद पाएगी अजेय RJD का किला?

साहेबपुर कमाल विधानसभा पर आरजेडी पिछले तीन बार से जीतती आ रही है। इस बार के चुनाव में एलजेपी के एनडीए में साथ आने से मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

Sahebpur Kamal Assembly constituency

साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट। Photo Credit- Khabargaon

साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट बेगूसराय जिले में आती है। साहेबपुर कमाल एक ब्लाक है, जो गंगा दी के किनारे बसा है। यह एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला क्षेत्र रहा है। गंगा नदी पास में ही होने से साहेबपुर में आज भी चावल, गेहूं और मक्का की खेती प्रचुर मात्रा में होती है। साहेबपुर कमाल में सड़क और रेल मार्गों की बेहतर कनेक्टिविटी है। यहां साहेबपुर कमाल जंक्शन रेलवे स्टेशन है, जहां से प्रमुख शहरों के लिए ट्रेनें मिलती हैं। साहेबपुर कमाल जिला मुख्यालय बेगूसराय यहां से 32 किलोमीटर दूर है।

 

यहां से खगड़िया शहर की दूरी 20 किलोमीटर और समस्तीपुर जिला मुख्यालय की दूरी 30 किलोमीटर है। वहीं, राज्य की राजधानी पटना लगभग 120 किलोमीटर दूर है। इलाके में भगवती स्थान और कमल बड़ी मस्जिद जैसे छोटे धार्मिक स्थल भी हैं। हालांकि, साहेबपुर कमाल में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।

 

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मौजूदा समीकरण?

साहेबपुर कमाल विधानसभा पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दबदबा रहा है। यहां सबसे पहले साल 2010 में चुनाव हुए थे। पहले चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के जीत दर्ज की थी। इसके बाद से यहां तीन चुनाव हुए, जो आरजेडी ने जीते हैं। साहेबपुर कमाल का सामाजिक समीकरण ऐसा है कि यहां आरजेडी को लगातार तीन चुनावों से जीत मिलती रही है। यहां के सामाजिक समीकरण की बात करें तो 10 फीसदी अनुसूचित जाति, 16.4 फीसदी यादव और 16.5 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा यहां राजपूत, ब्राह्मण, पासवान और अन्य मतदाता हैं।

 

विधानसभा के इतिहास को देखते हुए इस बार उम्मीद जताई जा रहा है कि साहेबपुर कमाल में महागठबंधन और एनडीए के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।

2020 में क्या हुआ था?

साहेबपुर कमाल विधानसभा पर 2020 में आरजेडी जीत दर्ज की थी। जेडीयू दूसरे नंबर पर रही थी। इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी LJP तीसरे पायदन पर रही थी, जिसने जेडीयू की हार में अहम रोल निभाया था। 2020 में आरजेडी से सतानंद सम्बुद्ध ने जेडीयू के शशिकांत कुमार शशि को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। हार का अंतर 14,225 वोटों का था। आरजेडी के सतानंद सम्बुद्ध ने 41.45 फीसदी वोट पाते हुए 64,888 वोट हासिल किया था, जबकि शशिकांत कुमार को 50,663 वोट मिले। वहीं, LJP के सुरेंद्र कुमार को 22,871 वोट मिले थे। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के गोरे लाल राय को 7,933 वोट हासिल हुए थे।

 

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विधायक का परिचय

सतानंद संबुद्ध साहेबपुर कमाल से पहली बार के विधायक हैं। उन्हें इलाके में ललन यादव के नाम से भी जाना जाता है। वह इलाके के पुराने नेताओं में शुमार किए जाते हैं। बिहार विधानसभा में डॉक्टर सतानंद संबुद्ध की पढ़े-लिखे विधायकों में गिनती होती है। वह मगध विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी हैं। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन और व्यवसाय है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास लगभग पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है।

विधानसभा सीट का इतिहास

साहेबपुर कमाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। इस पर अभी तक कुल 4 ही चुनाव हुए हैं (2014 का उपचुनाव लेकर)। इस सीट की संख्या 145 है। विधानसभा में साहेबपुर कमाल और बलिया सामुदायिक विकास खंड हैं। साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट बेगूसराय लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।

 

2010- परवीन अमानुल्लाह (जेडीयू)

2014- श्रीनारायण यादव (आरजेडी)

2015- श्रीनारायण यादव (आरजेडी)

2020- सतानंद संबुद्ध (आरजेडी)

 

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