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पिता साहिब सिंह की किस नसीहत पर खरे नहीं उतर पा रहे प्रवेश वर्मा?

दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे हाई प्रोफाइल सीट नई दिल्ली पर दो पूर्व सीएम के बेटों का मुकाबला एक पूर्व सीएम से हो रहा है।

sahib singh verma pravesh verma and ramdev

साहिब सिंह वर्मा, प्रवेश वर्मा और योगगुरु रामदेव, Photo Credit: Pravesh Verma FB Page

दिल्ली के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा सबसे हाई प्रोफाइल उम्मीदवार हैं। इसकी वजह यह है कि वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को चुनौती दे रहे हैं। प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और पश्चिमी दिल्ली सीट से दो बार के सांसद भी रहे हैं। इस बार रोचक बात यह है कि वह अपनी पारंपरिक सीट से लड़ने के बजाय उस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जिस पर अरविंद केजरीवाल लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित को हराया था। प्रवेश वर्मा की कोशिश भी वही है लेकिन इस कोशिश में वह अपने पिता के ही एक सिद्धांत से किनारा करते दिख रहे हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रवेश वर्मा से इसके बारे में पूछा भी गया था। प्रवेश वर्मा से पूछा गया कि आप पश्चिमी दिल्ली के सांसद रहे हैं तो विधानसभा चुनाव नई दिल्ली से क्यों लड़ रहे हैं? इस पर प्रवेश वर्मा का कहना था, 'इस पर हम कुछ कर नहीं सकते हैं। पार्टी जहां से तय करती है, हम वहां से चुनाव लड़ते हैं।' बता दें कि प्रवेश वर्मा 2014 और 2019 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया। लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी जीती। अब प्रवेश वर्मा और कुछ अन्य पूर्व सांसदों को दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतारा है।

सीट बदलने पर क्या थी साहिब सिंह वर्मा की राय?

 

दिल्ली में BJP ने एक ही बार सरकार बनाई है और उस सरकार में ढाई साल से ज्यादा समय तक साहिब सिंह वर्मा सीएम रहे। हालांकि, तब वह खुद शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक रहे थे। 1999 में तब बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट कही जाने वाली सीट से लोकसभा सांसद भी चुने गए। बाद में नए परिसीमन के बाद इस लोकसभा क्षेत्र की कुछ सीटों को लेकर ही पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट बनाई गई। यानी साहिब सिंह वर्मा ने लोकसभा का रुख किया तब भी अपना क्षेत्र एकदम से नहीं बदला। वह लगभग उसी क्षेत्र से चुने गए जिस क्षेत्र में वह लंबे समय से काम करते आए थे।

 

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1999 में दिए गए एक इंटरव्यू में साहिब सिंह वर्मा से नेताओं के सीट बदल लेने पर एक सवाल पूछा गया था। सवाल था- ऐसे नेताओं के बारे में आपका क्या कहना है जो ऐसी सीट से चुनाव लड़ते हैं जिनका उस क्षेत्र से कोई संबध नहीं होता? क्या ऐसा नहीं होना चाहिए कि नेता जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ें वहां वे कुछ सालों से रह रहे हों, अन्य उम्मीदवार को उस क्षेत्र के विकास में क्या ही रुचि होगी?

 

इस सवाल के जवाब में साहिब सिंह वर्मा ने कहा था, 'मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं। उम्मीदवार को अपने क्षेत्र की चिंता हर पहलू पर करनी चाहिए। जिन लोगों का वह प्रतिनिधित्व करे, उनकी उम्मीदों पर उसे खरा भी उतरना चाहिए।'

 

इसी इंटरव्यू में साहिब सिंह वर्मा से भी पूछा गया था कि वह विधानसभा के बजाय लोकसभा चुनाव क्यों लड़ रहे हैं। इस पर उनका जवाब कमोबेश वैसा ही था जैसा जवाब अब प्रवेश वर्मा दे रहे हैं। उनका कहना था, 'मेरी पार्टी ने मुझसे लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा, उन्हें लगता है कि राजनीति में मेरी रुचि खत्म नहीं हुई है और मैं अभी भी जनता की सेवा करने में सक्रिय हूं।'

 

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नई दिल्ली में रोचक है मुकाबला

 

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार से जीत रहे अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने अपने जाट नेता प्रवेश वर्मा को उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को इसी सीट पर उतार दिया है। यही वजह है कि इस सीट की लड़ाई काफी रोमांचक हो गई है। AAP को भी इस सीट पर जमकर पसीना बहाना पड़ रहा है जबकि अभी तक पिछले दो चुनाव से AAP यहां से बहुत आराम से चुनाव जीतती आ रही थी।

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