बिहार की समस्तीपुर विधानसभा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का गढ़ है। साल 2010 से ही यहां कोई दूसरी पार्टी चुनाव नहीं जीती है। विधायक भी अख्तरुल इस्लाम ही हैं। इसी विधानसभा में पूर्वी मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। 2904 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जिला अक्सर चर्चा में रहता है। समस्तीपुर के उत्तर में बागमती नदी बहती है, यही इसे दरभंगा जिले से अलग करती है। पश्चिम में वैशाली और मुजफ्फरनगर की सीमाएं हैं। दक्षिणी हिस्से में गंगा नदी बहती बहती है। इस विधानसभा की सीट संख्या 133 है।
समस्तीपुर में हिंदी और भोजपुरी भाषी लोग रहते हैं। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक, बाया, कोसी, कमला, करह, जामवारी और बलान नदियां बहती हैं। ज्यादातर जमीनें कृषि योग्य हैं। यह बिहार की घनी आबादी वाला इलाका है। यह महाकवि विद्यापति की जमीन है। वह कवि, नाटककार, संगीतकार, दार्शनिक और राज पुरोहित थे। उन्होंने मैथिल और संस्कृत भाषाओं में खूब काम किया है। यह शहर एक वजह से कुख्यात भी रहा है। 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या हुई थी।
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विधानसभा का परिचय
समस्तीपुर में कुल 276876 वोटर हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 146134 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 130733 है। यहां करीब 18 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति से आते हैं, वहीं 16 फीसदी आबादी मुस्लिम है। करीब 80 फीसदी मतदाता ग्रामीण हैं। यहां की ज्यादातर आबादी कस्बाई इलाके में रहती है। व्यापार और रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग बाहर ही रहते हैं। यहां दुरुस्त सड़के हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य और रोजगार यहां बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी और स्थानीय उद्योगों की कमी को लेकर लोग अब मुखर हो रहे हैं। बागमती नदी की बाढ़ की वजह से फसलों के नुकसान का भी मुद्दा उठता है। शिक्षकों की कमी, खराब स्कूल और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं। महंगाई, खराब सड़कें और जल निकासी की समस्याएं भी अहम हैं।
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विधायक का परिचय
अख्तरुल इस्लाम शाहीन बिहार की बड़े नेताओं में शुमार हैं। वह तीसरी बार समस्तीपुर विधानसभा से विधायक हैं। वह समस्तीपुर जिले से ही आते हैं। वह लालू यादव के करीबी हैं। वह साल 2022 से ही राज्य विधानसभा में आरजेडी के चीफ व्हिप रहे हैं। वह पटना कॉलेज से पढ़े-लिखे हैं। साल 2010 में उन्होंने जेडीयू के चर्चित नेता राम नाथ ठाकुर को चुनाव में हरा दिया था। वह 12वीं पास हैं। उन्होंने समस्तीपुर इंटर कॉलेज, पटना से पढ़ाई की है। उनकी कुलसंपत्ति 71 लाख रुपये से ज्यादा है। उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज है।
2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?
यहां से 3 बार से लगातार आरजेडी की हार हो रही है, ऐसे में इस बार यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी या बीजेपी के खाती में जा सकती है। आरजेडी एक बार फिर पुराने चेहरे पर दांव लगाएगी।
2020 का चुनाव
2020 में आरजेडी के अख्तरुल इस्लाम शाहीन चुनाव जीतेथे। जेडीयू की अश्वमेध देवी चुनाव हार गईं थीं। अख्तरुल को कुल 68507 वोट पड़े थे, वहीं अश्वमेध देवी को 63793 वोट पड़े थे। लोक जनशक्ति पार्टी के महेंद्र प्रधान को कुल 12074 वोट पड़े थे।
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विधानसभा का इतिहास
साल 1957 में बनी समस्तीपुर विधानसभा सीट पर अब तक 16 चुनाव हुए। कांग्रेस ने आखिरी बार 1972 में जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टियों का दबदबा रहा है। आरजेडी 2010 से सीट पर काबिज है, लेकिन उसकी जीत का अंतर कम हो रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी एलजेपी ने सभी छह विधानसभा खंडों में जीत हासिल की थी।
- बिहार विधानसभा चुनाव 1957 (समस्तीपुर पश्चिम): यदुनंदन सहाय, कांग्रेस
- बिहार विधानसभा चुनाव 1957 (समस्तीपुर पूर्व): सहदेव महतो, कांग्रेस
- बिहार विधानसभा चुनाव 1962 (समस्तीपुर पश्चिम): तेज नारायण ईश्वर, कांग्रेस
- बिहार विधानसभा चुनाव 1962 (समस्तीपुर पूर्व): सहदेव महतो, कांग्रेस
- बिहार विधानसभा चुनाव 1967: राजेंद्र नारायण शर्मा, संयुक्त समाजवादी पार्टी
- बिहार विधानसभा चुनाव 1972: सहदेव महतो, कांग्रेस
- बिहार विधानसभा चुनाव 1977: चंद्रशेखर सिंह, जनता पार्टी
- बिहार विधानसभा चुनाव 1980: कर्पूरी ठाकुर, जनता पार्टी (सेक्युलर)
- बिहार विधानसभा चुनाव 1985: अशोक सिंह, लोकदल
- बिहार विधानसभा चुनाव 1990: अशोक सिंह, जनता दल
- बिहार विधानसभा चुनाव 1995: अशोक सिंह, जनता दल
- बिहार विधानसभा चुनाव 2000: रामनाथ ठाकुर, जेडूयी
- बिहार विधानसभा चुनाव फरवरी 2005: रामनाथ ठाकुर, जेडूयी
- बिहार विधानसभा चुनाव अक्तूबर 2005: रामनाथ ठाकुर, जेडूयी
- बिहार विधानसभा चुनाव 2010: अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आरजेडी
- बिहार विधानसभा चुनाव 2015: अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आरजेडी
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020: अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आरजेडी