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चुनावों में कैसे तय होते हैं संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ?

झारखंड 2024 विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार, 13 नवंबर को पहले चरण के मतदान होंगे। इस चुनाव में बड़ा मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के बीच है।

Jharkhand Election phase 1 voting

वोट, Image Credit: Pexels

झारखंड 2024 विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार, 13 नवंबर को पहले चरण के मतदान होंगे। कुल 43 सीटों पर 685 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी और चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किये जायेंगे। बड़ा मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के बीच है।

 

बता दें कि भाजपा ने आजसू, जेडीयू और लोजपा के साथ गठबंधन किया है, जबकि झामुमो ने कांग्रेस, वाम दलों और आरजेडी के साथ साझेदारी की है। झारखंड में 24 जिले और 81 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 44 सामान्य सीटें शामिल हैं। बता दें कि राज्य भर में 29,562 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 5,042 शहरी क्षेत्रों में और 24,520 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।

 

क्या होते है संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ

नक्सली गतिविधि को देखते हुए चुनाव आयोग इस बार भी राज्य के अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर फोकस रखेगी। इसे संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ में बांटा जाता है। ऐसे में आइये जान लेते है कि चुनावों में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ कैसे चिन्हित होते हैं और किस आधार पर फोर्स लगाई जाती है?

 

देश में किसी भी चुनाव के लिए शांतिपूर्ण मतदान कराना जरूरी होता है। ऐसी कई खबरें सुनने को मिल जाती है कि राज्य में मतदान के दौरान हिंसा, ईवीएम या मतपेटी उठा ले गए। इसके कारण फिर से वोटिंग प्रक्रिया शुरू की जाती है। वोटिंग के दौरान मतदाताओं को बिना किसी डर के सुरक्षा के साथ मतदान करने के लिए सवेंदनशील और असवेंदनशील को मतदान केंद्र पर चिन्हित किया जाता है। 

 

कैसे चिन्हित होते हैं बूथ?

स्थानीय चुनावों से लेकर विधानसभा और लोकसभा के हर चुनाव में संवेदनशील या अति संवेदनशील बूथ का अलग ही तमगा रहा है। अगर किसी शहर या गांव के बूथ में कभी हिंसा हुई हो या मतपेटी उठाकर ले गए हो या पुलिस रिकॉर्ड में किसी क्षेत्र में अधिक झगड़ा हुआ हो, उसे संवेदनशील का दर्जा दिया जाता है। वहीं, जिस बूथ पर अधिक हिंसा की संभावना होती है तो उसे अति संवेदनशील की कैटगरी में रखा जाता है। संवेदनशील बूथ पर 6 सिपाही, होमगार्ड के अलावा सशस्त्र पुलिस के जवान भी तैनात किए जाते है। अति संवेदनशील बूथ पर 12 सिपाही और 12 होमगार्ड के साथ-साथ आर्म की फोर्से के जवानों की भी ड्यूटी लगती है। 

 

फोर्स भी होते है तैनात

भयग्रस्त, अति संवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्रो के आधार पर ही चुनाव में पुलिस और BSF जवानों की तैनाती की जाती है। इन मतदान केंद्रों का चिन्हीकरण होने के बाद ही लाइव टेलीकास्ट का निर्णय लिया जाता है। 

 

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपना मतदान केंद्र कैसे खोजें:

 

 Electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं और 'अपना मतदान केंद्र और अधिकारी जानें' पर क्लिक करें


अपना मतदाता पहचान पत्र (EPIC) नंबर दर्ज करें


कैप्चा भरें और सबमिट करें


बूथ लेवल अधिकारी, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी के नाम और संपर्क नंबर जैसी जानकारी देखें


पोर्टल आपके मतदान केंद्र के साथ-साथ आपके विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी दिखाता है

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