शालीमार बाग विधानसभा उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में पड़ती है। इस विधानसभा की सीट संख्या 14 है। यहां मुगलिया सल्तनत से जुड़े कई निशान हैं। अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं तो यहां जरूर आ सकते हैं। बेदमी पूरी, छोले-भटूरे और जायकेदार चाट की दुकानें आपको जगह-जगह नजर आएंगी। यहां का स्ट्रीट फूड लाजवाब है।
शालीमार बाग की विधायक वंदना कुमारी हैं। वह दिल्ली विधानसा की पूर्व डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं। साल 2013 से ही वह यहां की विधायक हैं। एक बार फिर उन्हें ही मौका मिला है। शालीमार बाग में स्थानीय लोग साफ-सफाई, सड़क और नालियों का मुद्दा उठाते रहे हैं। इस इलाके की भी गिनती दिल्ली के पिछड़े इलाकों में होती है। यहां भी एक अरसे से लोग विकास की उम्मीद में हैं।
सीट का इतिहास
शालिमार बाग पहले बाहरी दिल्ली का हिस्सा था। साल 1993 में यह विधानसभा अस्तित्व में आई। बीजेपी के दिग्गज नेता साहिब सिंह वर्मा यहां से पहली बार विधायक चुने गए। 1998, 2003 और 2008 में रविंद्र नाथ बंसल यहां से विधायक चुने गए थे। 1993 से 2008 तक बीजेपी का ही दबदबा रहा। साल 2013, 2015 और 2020 के चुनावों में इसी सीट से बंदना कुमारी जीतीं।
शालीमार बाग के जातीय समीकरण
शालीमार बाग विधानसभा में जातीय समीकरण मिला-जुला है। अनूसूचित जाति की आबादी 22 फीसदी है, ब्राह्मण समुदाय 9 फीसदी, बनिया 16 फीसदी, पंजाबी 9 फीसदी और सिख 6 फीसदी हैं। ओबीसी और अन्य पूर्वांचली समुदाय 33 फीसदी में है।
कैसा था साल 2020 का चुनाव?
शालीमार बाग विधानसभा सीट से बंदना कुमारी साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जीती हैं। बंदना कुमारी को कुल 57,707 वोट पड़े थे। बीजेपी उम्मीदवार रेखा गुप्ता को कुल 54226 वोट पड़े थे। कांग्रेस उम्मीदवार जेएस नायोल तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें सिर्फ 2,491 वोट पड़े। साल 2013 से ही यहां आम आदमी पार्टी काबिज है। 2015 में भी वंदना कुमारी जीतीं थीं।
शालीमार बाग के मुद्दे क्या हैं?
शालीमार बाग में भी खुली नालियां, पार्कों और सड़कों में अतिक्रमण प्रमुख मुद्दा है। स्थानीय लोग साफ-सफाई को लेकर आक्रोशित हैं।
शालीमार में अभी कौन-कौन उम्मीदवार हैं?
आम आदमी पार्टी की ओर से बंदना कुमारी चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी ने रेखा गुप्ता को उतारा है। कांग्रेस पार्टी ने प्रवीण जैन को टिकट दिया है।