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सीतामढ़ी विधानसभा सीट: BJP बरकरार रहेगी या RJD करेगी वापसी?

बिहार की सीतामढ़ी सीट पर जनता हर बार पार्टी बदल देती है। पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी की जीत हुई थी। वहीं 2015 में आरजेडी ने यहां चुनाव जीता था।

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सीतामढ़ी विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

बिहार के सीतामढ़ी का सिर्फ राजनीतिक इतिहास ही पुरानी नहीं है, बल्कि इसका इतिहास त्रेता युग तक जाता है। ऐसी मान्यता है कि देवी सीता का जन्म यहीं हुआ था। माना जाता है कि इस जगह पर राजा जनक ने एक जलकुंड बनाया था, जिसे 'जानकीकुंड' कहा जाता है।

 

सीतामढ़ी इतनी दिलचस्प सीट है कि यहां कोई भी पार्टी अपना दबदबा होने का दावा नहीं कर सकती। पिछले कुछ चुनावों से यहां की जनता हर बार पार्टी बदल देती है। यह सीट सीतामढ़ी लोकसभा सीट के दायरे में आती है।

मौजूदा समीकरण

यहां बीजेपी का रिकॉर्ड ठीक रहा है लेकिन मजबूत पकड़ उसकी भी नहीं है। यहां ब्राह्मण-राजपूत और यादव वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। मुस्लिम वोटरों की संख्या भी ठीकठाक है। पिछला चुनाव बीजेपी ने जीता था। चूंकि पिछले कुछ चुनाव से यहां हर बार पार्टी बदल रही है, इसलिए आरजेडी को वापसी करने की उम्मीद है।

 

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2020 में क्या हुआ था?

2020 में बीजेपी के मिथिलेश कुमार ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने आरजेडी के सुनील कुमार कुशवाहा को लगभग साढ़े 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था। मिथिलेश कुमार को 90,236 और सुनील कुमार को 78,761 वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

2020 में मिथिलेश कुमार ने पहली बार चुनाव लड़ा था। बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे मिथिलेश कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था। मिथिलेश कुमार को कुछ महीने पहले ही बीजेपी ने प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है।

 

पिछले चुनाव में मिथिलेश कुमार ने चुनाव आयोग में जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उन्होंने अपने पास 11.22 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी।

 

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विधानसभा का इतिहास

इस सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 1985 में जीती थी। इस सीट से दो बार आरजेडी और 5 बार बीजेपी जीत चुकी है। बीच में दो बार सोशलिस्ट पार्टी और एक-एक बार जनता दल और सीपीआई उम्मीदवार को जीत मिल चुकी है।

  • 1952: दामोदर झा (सोशलिस्ट पार्टी)
  • 1967: के. शाही (कांग्रेस)
  • 1969: श्याम सुंदर दास (सोशलिस्ट पार्टी)
  • 1972: राम स्वरूप सिंह (सीपीआई)
  • 1977: राम सागर प्रसाद यादव (कांग्रेस)
  • 1980: पीर मोहम्मद अंसारी (कांग्रेस)
  • 1985: खलील अंसारी (कांग्रेस)
  • 1990: शाहीद अली खान (जनता दल)
  • 1995: हरि शंकर प्रसाद (बीजेपी)
  • 2000: शाहीद अली खान (आरजेडी)
  • 2005: सुनील कुमार पिंटू (बीजेपी)
  • 2005: सुनील कुमार पिंटू (बीजेपी)
  • 2010: सुनील कुमार पिंटू (बीजेपी)
  • 2015: सुनील कुशवाहा (आरजेडी)
  • 2020: मिथिलेश कुमार (बीजेपी)

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