भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2024 के लोकसभा चुनाव में हार गई थीं। हारने के बावजूद उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री भी नहीं बनाया गया। वह लंबे समय से उतना दिखती भी नहीं थीं। तब कहा जा रहा है था बीजेपी में उनकी अलग भूमिका तय की जा रही है। अब संभवत: वह भूमिका स्पष्ट होने लगी है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्मृति ईरानी आज से सार्वजनिक तौर पर सक्रिय हो गई हैं। कहा जा रहा था वह दिल्ली के चुनाव में बीजेपी का चेहरा भी हो सकती हैं। आज जिस तरह से स्मृति ईरानी ने अपने अभियान की शुरुआत की है, उससे यह लगने भी लगा है कि बीजेपी उनकी भूमिका को लेकर कुछ बड़ा ही सोच रही है।
स्मृति ईरानी ने अपने इस अभियान के पहले दिन पार्टी के दिग्गज और पुराने नेताओं से मुलाकात की। स्मृति ईरानी ने प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा के घर जाकर उनसे मुलाकात की। वह पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल से भी मिलीं। इतना ही नहीं, स्मृति ईरानी ने इन दोनों ही नेताओं के घर के बाहर इनके नाम की कमल के निशान वाली नेम प्लेट भी लगाई। स्मृति ईरानी ने दोनों ही नेताओं को पार्टी का पटका और शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया।
क्या बोलीं स्मृति ईरानी?
स्मृति ईरानी ने इन नेताओं से मुलाकात के बाद कहा, 'कार्यकर्ताओं का यह गौरव है कि आज हम सब बूथ की समिति, मंडल की समिति और कार्यकर्ता सहित हमारे प्रदेश के पहले अध्यक्ष मल्होत्रा जी के यहां हम लोग आकर, उनसे चरण वंदन कर उनसे आग्रह करके कि आप बूथ को सशक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी को यहां तक पहुंचा पाए हैं। आज मल्होत्रा जी ने हम सबका प्रणाम स्वीकार किया और हमारे हौसले बुलंद किए, उसके लिए कार्यकर्ताओं की ओर से मैं उनके प्रति आभार प्रकट करती हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'एक विशेष नेम प्लेट उनके घर के बाहर लगने वाली है, उसको भी उन्होंने बड़े स्नेह से स्वीकार किया। बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत ही यही है कि हम संगठन और कार्यकर्ता के आधार पर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की जीत दिल्ली में सुनिश्चित करने वाले हैं और शुभारंभ जब बड़ों के आशीर्वाद से हो तो परिणाम सुखद ही होता है। मल्होत्रा जी का बड़प्पन है कि वह बूथ स्तर पर भी काम करने को तैयार हुए हैं और उन्होंने अपना आई कार्ड भी स्वीकार किया है।' बता दें कि विजय गोयल और विजय कुमार मल्होत्रा दोनों ही दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
पर्दे के पीछे से काम कर रही थीं स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी सितंबर के महीने से ही दिल्ली में सक्रिय हो गई थीं। उन्होंने दिल्ली के अलग-अलग जिलों की बूथ कमेटी की मीटिंग में भी जाना शुरू कर दिया था। अमेठी से चुनाव हारने के बाद से उनके पास कोई पद नहीं है और न ही उन्हें राज्यसभा भेजने की कोई तैयारी है। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी उन्हें दिल्ली में ही किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाकर बिना घोषित किए ही सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकती है। हालांकि, बीजेपी में ही कई और नेता सीएम पद के दावेदार हैं। बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी ने कई चेहरों को आगे करके दिल्ली में चुनाव लड़े हैं लेकिन उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली है।