बिहार के लखीसराय जिले में आने वाली सूर्यगढ़ा विधानसभा उन सीटों में से है, जिस पर कभी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का दबदबा हुआ करता था। पिछले दो दशक से यह सीट बीजेपी और आरजेडी के पास रही है। सूर्यगढ़ा कभी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई का गढ़ हुआ करती थी लेकिन बीजेपी की एंट्री ने उसे मुकाबले से ही बाहर कर दिया।
सूर्यगढ़ा का इतिहास एक भीषण युद्ध से भी जुड़ा है। सन 1534 में सूर्यगढ़ा में शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच एक बड़ा युद्ध हुआ था। इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराकर दिल्ली सल्तनत पर कब्जा कर लिया था। इसे 'सूरजगढ़ का युद्ध' कहा जाता है।
मौजूदा समीकरण
सूर्यगढ़ा सीट पर इस बार समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। एक बार निर्दलीय और चार बार आरजेडी से विधायक प्रहलाद यादव अब एनडीए से चुनाव लड़ने वाले हैं। प्रहलाद यादव सूर्यगढ़ा से मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने जुलाई में ऐलान किया था कि वह एनडीए के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। इसने न सिर्फ आरजेडी का खेल बिगाड़ दिया है, बल्कि एनडीए के लिए भी मुश्किल बढ़ा दी है। सूर्यगढ़ा से टिकट को लेकर एनडीए में भी खींचतान हो सकती है।
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2020 में क्या हुआ था?
पिछली बार सूर्यगढ़ा में आरजेडी, जेडीयू और एलजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। हालांकि, बाद में आरजेडी के प्रहलाद यादव ने 10 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत लिया था। उन्होंने जेडीयू के रामानंद मंडल को हराया था। प्रहलाद यादव को 62,306 और रामानंद मंडल को 52,717 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर एलजेपी के रविशंकर प्रसाद थे, जिन्हें 44,797 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
सूर्यगढ़ा सीट से इस समय प्रहलाद यादव विधायक हैं। प्रहलाद यादव इस सीट से 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। साल 1995 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यहां से चुनाव जीता था। इसके बाद वह आरजेडी में आ गए थे।
इसके बाद उन्होंने 2000, फरवरी 2005, 2015 और 2020 का चुनाव जीता। हालांकि, अब उन्होंने एनडीए से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जुलाई में उन्होंने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली थी।
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विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनें कांग्रेस, सीपीआई और आरजेडी ने 4-4 बार जीत हासिल की है। बीजेपी यहां दो बार चुनाव जीत सकी है।
- 1952: राजेश्वरी प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
- 1957: कार्यानंद शर्मा (सीपीआई)
- 1962: राजेश्वरी प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
- 1967: भगवत प्रसाद मेहता (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
- 1969: सुनैना शर्मा (सीपीआई)
- 1972: सुनैना शर्मा (सीपीआई)
- 1977: रामजी प्रसाद महतो (निर्दलीय)
- 1980: रामजी प्रसाद महतो (कांग्रेस)
- 1985: अलख शर्मा (कांग्रेस)
- 1990: सतीश कुमार (सीपीआई)
- 1995: प्रहलाद यादव (निर्दलीय)
- 2000: प्रहलाद यादव (आरजेडी)
- 2005: प्रहलाद यादव (आरजेडी)
- 2005: प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी)
- 2010: प्रेम रंजन पटेल (बीजेपी)
- 2015: प्रहलाद यादव (आरजेडी)
- 2020: प्रहलाद यादव (आरजेडी)