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टिकारी: अनिल कुमार के गढ़ में कौन देगा चुनौती?

टिकारी विधानसभा सीट से अनिल कुमार विधायक हैं। वह हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता हैं। यह सीट, एनडीए का गढ़ रही है, इस बार की सियासी तस्वीर कैसी है, आइए समझते हैं।

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टिकारी विधानसभा सीट। (Photo Credit: PTI)

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गया जिले में एक जगह है टिकारी। यह नगर निगम है और एक जमाने में टेकारी राज का केंद्र रहा है। यह गया का कस्बाई इलाका है। टिकारी औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा सीटों में से एक है। टिकारी राज मुगल और ब्रिटिश काल में अस्तित्व में आाय था। यहां से बोधगया और नवादा नजदीक है। टिकारी समृद्ध जगहों के पास में था यहां उस जमाने में रोजगार के बेहतर साधन भी रहे। अब पलायन और बेरोजगारी यहां के बड़े मुद्दों में शुमार हैं। साल 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में यहां से हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता अनिल कुमार चुनाव जीते थे। 

टिकारी रियासत, कोई राजघारना नहीं थी, यह एक जमींदारी थी। इस गांव के अंतर्गतर पहले 2000 से ज्यादा गांव आते थे। मुगल साम्राज्य के खिलाफ इस हिस्से में जब विद्रोह भड़का तो यहां के जमींदार धीर सिंह ने विद्रोह दबाने में मुगलों की मदद की। मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने उन्हें राजा की उपाधि दी थी। आजादी के बाद जमींदारी प्रथा खत्म होने से परिवार में संघर्ष हुए और राजनीतिक तौर पर यह परिवार हाशिए पर है। 

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विधानसभा का परिचय  

टिकारी में जीतन राम मांझी की मजबूत पकड़ मानी जाती है। यह उनके गृह नगर का हिस्सा है। 2011 की जनगणना बताती है कि यहां की साक्षरता दर, सिर्फ 56.66% है। टिकारी में कुल वोटरों की संख्या 318059 है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 165927 है, वहीं 152118 महिला मतदाता हैं। ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 14 है। 

सामाजिक समीकरण कैसे हैं?

टिकारी अनुसूचित जातियों की संख्या करीब 23 फीसदी से ज्यादा है। मुस्लिम मतदाता भी प्रभावी हैं। विधानसभा का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण है, करीब 4.62 प्रतिशत वोटर कस्बाई इलाके में रहते हैं।

मुद्दे क्या हैं?

टिकरी विधानसभा में पलायन सबसे बड़ी समस्या है। रोजगार के साधन पर्याप्त नहीं हैं। स्कूल और अस्पतालों की स्थिति भी बदहाल है। रोजगार के लिए अवसरों की कमी है, प्रशासनिक भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठता रहा है।  

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2020 का चुनाव कैसा था?

साल 2020 के विधासनभा चुनाव में अनिल कुमार को कुल 70,359 वोट पड़े थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के सुमंत कुमार रहे। उन्हें कुल 67,729 वोट पड़े। 2020 में उनकी जीत का अंतर सिर्फ 2,630 वोट रहे। LJP के कमलेश शर्मा ने को 16,000 वोट पड़े।

अब क्या समीकरण बन रहे हैं?

एनडीए ने इस सीट से एक बार फिर अनिल कुमार को उतारा है। महागठबंधन ने अभी तक इस सीट पर उम्मीदर तय नहीं किए हैं। 

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सीट का इतिहास 

टिकारी औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा सीटों में से एक है। यहां 2010 के बाद के चुनावों में अनिल कुमार का दबदबा रहा है। उन्होंने 2010 में जेडूयी से जीत हासिल की, साल 2015 में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से हारे। 2020 में NDA के साथ HAM से जीते। 

  • विधानसभा चुनाव 2010: अनिल कुमार, जेडीयू
  • विधानसभा चुनाव 2015: अभय कुशवाहा, जेडीयू
  • विधानसभा चुनाव 2020: अनिल कुमार, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा

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