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AAP नेता दिलीप पांडेय भी नहीं लड़ेंगे चुनाव? एक ट्वीट से कर दिया इशारा

AAP के एक और विधायक ने लगभग यही इशारा कर दिया है कि वह इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। संभव है कि इसी विधानसभा सीट से अवध ओझा चुनाव लड़ें।

Dilip Pandey and Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल के साथ दिलीप पांडेय, Photo: Dilip Pandey X Handle

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) एक अलग रणनीति के तहत काम करती दिख रही है। AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि कई विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। AAP की पहली लिस्ट में यही देखने को भी मिला और केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाने वाले नेताओं के टिकट भी काटे गए हैं। हाल ही में दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रहे राम निवास गोयल ने चुनाव न लड़ने की बात कही और उनकी जगह पर पूर्व विधायक रहे जितेंद्र सिंह शंटी आ गए। संभव है कि वही शाहदरा से चुनाव भी लड़ें। अब ऐसा ही इशारा AAP के बड़े नेता और अरविंद केजरीवाल के करीबी दिलीप पांडेय ने भी किया है। दिलीप पांडेय तिमारपुर सीट से विधायक हैं लेकिन इस बार उनकी जगह पर अवध ओझा को मौका मिल सकता है। यह वही सीट है जिसके अंदर कोचिंग संस्थानों वाला इलाका मुखर्जी नगर आता है।

 

जिस दिन से अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं, उस दिन से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं। अगर लड़ेंगे तो किस सीट से लड़ेंगे। अवध ओझा UPSC की तैयारी कराने वाली कोचिंग में पढ़ाते रहे हैं और मुखर्जी नगर में रहने वाले प्रतियोगी छात्रों के बीच काफी मशहूर भी रहे हैं। ऐसे में यह इलाका उनके चुनाव लड़ने के लिए मुफीद हो सकता है। अभी तक AAP या अवध ओझा ने चुनाव लड़ने की बात की पुष्टि तो नहीं की है लेकिन दिलीप पांडेय के ट्वीट ने लगभग तस्वीर साफ कर दी है।

 

दिलीप पांडेय पूर्व में AAP के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष, विधानसभा में चीफ और कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वह अपनी कॉरपोरेट की नौकरी छोड़कर विदेश से आए थे और राजनीति में शामिल हुए थे। 2011 के अन्ना आंदोलन के साथ ही अरविंद केजरीवाल के साथ काम करने वाले दिलीप पांडेय पार्टी के वफादार नेताओं में गिने जाते हैं। उनके ट्वीट से भी यही लग रहा है कि पार्टी ने उन्हें पहले से तैयार कर लिया है और उन्हें कोई अन्य भूमिका दी जाएगी।

क्या कह रहे हैं दिलीप पांडेय?

 

दिल्ली पांडेय ने X पर लिखा है, 'मेरे लिए राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही रहा है कि हमारी सरकार की वजह से बहुत सारे आम लोगों का, गरीब लोगों का जीवन आसान हुआ, बहुत सारे बच्चों की ज़िंदगी के बेहतर होने की संभावनाएं प्रबल हुईं। राजनीति में पहले संगठन निर्माण और फिर चुनाव लड़ने के दायित्व का निर्वहन करने बाद, अब समय है आम आदमी पार्टी में ही रहकर कुछ और करने का। तिमारपुर विधानसभा में चुनाव जो भी लड़े, दिल्ली के मुख्यमंत्री तो अरविंद केजरीवाल जी ही बनेंगे और हम सभी दिल्ली वाले मिलकर यह सुनिश्चित भी करेंगे।' 

 

उन्होंने आगे लिखा है, 'मेरे संबंधों की पूंजी मेरे साथ रहेगी, ऐसा विश्वास है मुझे, आप में से कोई मुझे संपर्क करे, तो इसी विश्वास को और मज़बूत करे, ऐसी कामना है। और हां, हमारी आगामी क़िताब “ग़ुलाबी खंजर” (History Fiction) का लोकार्पण इसी महीने तय है, तारीख़, समय और स्थान की सूचना साझा करूंगा, आप आइएगा ज़रूर, मुझे बहुत अच्छा लगेगा!'

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