उजियारपुर, बिहार की चर्चित विधानसभाओं में से एक है। यहां से राष्ट्रीय जनता दल के नेता अशोक कुमार मेहता विधायक हैं। यहां के कुछ हिस्सा कस्बाई इलाके में पड़ता है। ज्यादार आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। यह बिहार की सबसे नई विधानसभाओं में से एक है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह विधानसभा अस्तित्व में आई। यह उजियारपुर, सुल्तानपुर, चकबहुद्दीन और पलग्राम पंचायतों को मिलाकर बनाया गया है। इस विधानसभा क्षेत्र में उजियारपुर सामुदायिक विकास ब्लॉक और दालसिंहसराय ब्लॉक के 10 ग्राम पंचायतें और अधिसूचित क्षेत्र शामिल हैं।
उजियारपुर से बिहार के कई चर्चित शहर नजदीक हैं। यहां से समस्तीपुर जिले की दूरी 15 किलोमीटर है, बेगूसराय 50 किलोमीटर दूर है और दरभंगा करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां की सड़क व्यवस्था दुरुस्त है। उजियारपुर शहर बूढ़ी गंडक नदी के पास में बसा है। उजियारपुर की ज्यादातर आबादी कृषक है। चावल, गेहूं और दाल की खेती होती है। डेयरी और लघु उद्योग भी हैं। आजीविका के लिए ज्यादातार आबादी बाहर ही रहती है।
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मुद्दे क्या हैं?
पूरी विधानसभा में कहीं भी बड़े उद्योग नहीं हैं। स्थानीय स्तर पर अस्पताल, स्कूल और रोजगार की कमी मुद्दा लोग उठाते हैं। बाढ़ का भी मुद्दा उठता रहता है। रोजगार के लिए एक बड़ी आबादी बाहर रहती है।
विधायक का परिचय
उजियारपुर के विधायक आलोक कुमार मेहता हैं। वह राष्ट्रीय जनता दल के चर्चित नेताओं में शुमार हैं। वह पार्टी के महासचिव भी रह चुके हैं। वह तेजस्वी यादव के राजनीतिक मेंटर भी कहे जाते हैं। वह बिहार के सहकारिता मंत्री भी रहे हैं। वह उजियारपुर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। वह संसद में कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर चुके हैं।
जब वह महासचिव थे, तब आरजेडी से तीन विधायकों की साल 2020 में विदाई की गई थी। वह कुशवाहा समुदाय से आते हैं। वह बिहार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने अपनी कुल आय 10 करोड़ रुपये से ज्यादा घोषित की है। 16 लाश से ज्यादा कर्जा है। वह साल 1990 में बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट है। |
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विधानसभा का परिचय
उजियारपुर विधआनसभा ग्रामीण विधानसभा है। यहां पुरुष वोटरों की संख्या 161905 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 144328 है। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 3 है। विधानसभा की ज्यादातर आबादी ग्रामीण है। विधानसभा की सीट संख्या 134 है। विधानसभा में करीब 11 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। अनुसूचित जाति और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
विधानसभा चुनाव 2020 में क्या नतीजे रहे?
राष्ट्रीय जनता दल के आलोक कुमार मेहता ने साल 2020 में आलोक कुमार मेहता को टिकट दिया था। उन्हें कुल 90601 वोट पड़े थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पार्टी के शील कुमार रॉय को हटा दिया। उन्हें कुल 67333 वोट पड़े थे। जीत-हार का अंतर 23268 रहा। तीसरे नंबर पर नवल पासवान थे। उन्हें 4769 वोट पड़े थे।
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बिहार विधानसभा सीट का इतिहास
साल 2008 के परिसीमन के बाद यह विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। साल 2010 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो राष्ट्रीय जनता दल के दुर्गा प्रसाद सिंह ने पहली बार चुनाव जीता। साल 2015 के चुनाव में आलोक कुमार ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार अनंत कुमार को हराया था।
- बिहार विधानसभा चुनाव 2010: दुर्गा प्रसाद सिंह, आरजेडी
- बिहार विधानसभा चुनाव 2015: आलोक कुमार मेहता, आरजेडी
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020: आलोक कुमार मेहता, आरजेडी