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दिल्ली की इकलौती विधानसभा सीट जहां कभी जीत नहीं पाई AAP

पहली बार साल 2013 में चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली की 70 में से 69 सीटों पर कभी न कभी जीत हासिल कर चुकी है, क्या आपको पता है कि वह सीट कौनसी है जहां AAP नहीं जीती?

vishwas nagar seat

विश्वास नगर विधानसभा सीट, Photo Credit: Social Media

साल 2013 में उदय के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने पूरी दिल्ली में अपना जलवा बिखेरा है। दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रचने वाली AAP इस बार भी सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। इसके लिए उसके नेता अरविंद केजरीवाल हर दिन नए ऐलान कर रहे हैं, एक-एक वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं और जनता को अपने काम गिना रहे हैं। दिल्ली में AAP की कोशिश इस बार यह भी है कि जिन सीटों पर 2020 में उसे हार मिली थी वहां वह जीत हासिल कर पाए। ऐसे में एक ऐसी सीट भी जिस पर आज तक AAP को कभी जीत नहीं मिली है। इस सीट पर 2013 से ही BJP का कब्जा रहा है और बीजेपी ने अपना कब्जा बनाए रखने के लिए इस बार भी कुछ बड़े दांव खेले हैं।

 

यह सीट विश्वास नगर की है। लगातार तीन बार से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ओम प्रकाश शर्मा चुनाव जीतते आ रहे हैं। चौथी बार भी BJP ने उन्हीं पर भरोसा जताया है। AAP ने 2020 में ओ पी शर्मा से चुनाव हारने वाले दीपक सिंगला पर एक बार फिर भरोसा जताया है। कांग्रेस अभी तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार का फैसला नहीं कर पाई है। इतना जरूर है कि कई कांग्रेस नेता अब उसका साथ छोड़ चुके हैं और दूसरी पार्टियों में चले गए हैं। ऐसे में वापसी की उम्मीद में लगी कांग्रेस के लिए यह सीट लगभग नामुमकिन सी हो गई है।

BJP के जलवे वाली सीट

 

सबसे पहले इस सीट का इतिहास समझते हैं। मौजूदा विधायक ओ पी शर्मा पहली बार इस सीट पर साल 2008 में चुनाव लड़े। कांग्रेस के तत्कालीन विधायक नसीब सिंह ने ओम प्रकाश शर्मा को लगभग 8 हजार वोटों से अंतर से चुनाव हरा दिया। तब न तो आम आदमी पार्टी का कोई वजूद था और न ही कोई तीसरी पार्टी इतनी प्रभावी हुई थी।

 

2013 में जब AAP का उदय हो चुका था तो बीजेपी ने अपने हारे उम्मीदवार ओम प्रकाश शर्मा पर एक बार फिर दांव खेल दिया। AAP ने डॉ अतुल गुप्ता को टिकट दिया था। तब अतुल गुप्ता खुद तो चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन नसीब सिंह की हार का कारण बन गए। ओपी शर्मा यह चुनाव लगभग 7 हजार वोटों के अंतर से जीते थे और AAP के अतुल गुप्ता को 30 हजार वोट मिले थे।

 

2015 का चुनाव आया और तीनों ही पार्टियों ने अपने पुराने उम्मीदवारों पर फिर से दांव खेला। नतीजों में सिर्फ इतना बदलाव हुआ कि तीन बार विधायक रहे नसीब सिंह तीसरे नंबर पर पहुंच गए, अतुल गुप्ता 47 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर आए और 58 हजार वोट पाकर लगातार दूसरी बार विधायक बन गए।

 

2020 में कांग्रेस और AAP दोनों ने अपने उम्मीदवार बदले। AAP ने कारोबारी दीपक सिंगला को टिकट दिया तो कांग्रेस ने नसीब सिंह का टिकट काटकर गुरचरन सिंह राजू को टिकट दिया। नतीजा फिर वही। ओम प्रकाश शर्मा 65 हजार वोट पाकर विजेता बने और दीपक सिंगल 49 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस का वोट और कम हो गया और वह सिर्फ 7881 वोट पा सकी।

इस बार क्या बदला?

 

BJP जहां ओ पी शर्मा को लेकर आश्वस्त है, वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उसका आत्मविश्वास और बढ़ गया है। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे नसीब सिंह लोकसभा चुनाव से समय कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। लगातार यहां से चुनाव जीत रही बीजेपी ने अपनी ताकत को और बढ़ाया ही है। वहीं, AAP ने फिर से दीपक सिंगला पर दांव खेला है जो अपना पिछला चुनाव हार चुके हैं।

MCD चुनाव में क्या हुआ?

 

MCD चुनाव की बात करें तो AAP के लिए थोड़ी राहत भरी खबर थी। इस विधानसभा में आने वाले कुल 4 वार्ड में से 2 में AAP को जीत मिली और 2 में BJP ने जीत हासिल की। प्रीत विहार और आनंद विहार वार्ड में BJP के पार्षद हैं और विश्वास नगर और आईपी एक्सटेंशन में AAP के पार्षद हैं। भले ही AAP दो सीटें जीतने में कामयाब रही हो लेकिन मामला एक तरह से टक्कर का ही रहा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में क्या होगा यह एकतरफा नहीं कहा जा सकता है।

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