दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। चुनाव आयोग जल्द ही इलेक्टोरल जारी करने वाला है। इस बीच दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि वोटर आईडी कार्ड वोट देने की गारंटी नहीं माना जा सकता।
दरअसल, दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। 6 जनवरी को फाइनल इलेक्टोरल ड्राफ्ट जारी होगा। 1 जनवरी 2025 तक जो कोई भी 18 साल का हो गया होगा, वो इस चुनाव में वोट डाल सकेगा। प्री-रिविजन पीरियड के दौरान बूथ लेवल के अधिकारियों ने घर-घर जाकर वोटर्स का वेरिफिकेशन किया। इसका मकसद बस इतना था ताकि डुप्लीकेट एंट्री को हटाया जा सके और नए नाम जोड़े जा सकें।
वोटर आईडी वोट डालने की गारंटी क्यों नहीं?
आमतौर पर ऐसा समझा जाता है कि अगर वोटर आईडी कार्ड है तो चुनाव में वोट डाला जा सकता है। मगर ऐसा नहीं है। चुनाव में वोट तभी डाला जा सकता है, जब वोटर का नाम फाइनल इलेक्टोरल लिस्ट में हो। अगर फाइनल इलेक्टोरल लिस्ट में नाम नहीं है, तो वोटर आईडी होने के बावजूद वोट नहीं डाला जा सकता। फाइनल इलेक्टोरल लिस्ट 6 जनवरी को जारी होगी।
नाम नहीं जुड़वाया तो क्या कर सकते हैं
29 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच 4.85 लाख से ज्यादा नए वोटर्स जुड़े हैं। अगर किसी ने अब तक खुद का नाम वोटर के तौर पर रजिस्टर नहीं कराया है तो वो फॉर्म 6 भरकर करवा सकता है। इसके लिए बूथ स्तर के अधिकारी के पास जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। अगर इलेक्टोरल रोल में कुछ संशोधन करवाना है या डिलीट करवाना है तो उसके लिए फॉर्म 8 और फॉर्म 7 भरना होगा।
इलेक्टोरल रोल में नाम अपडेट होने के बाद EPIC जनरेट होता है, जिसे पोस्ट के जरिए वोटर के घर भेजा जाता है। कोई वोटर इस EPIC को चुनाव आयोग की वेबसाइट voters.eci.gov.in से भी डाउनलोड कर सकता है।
दिल्ली की चुनाव आयुक्त दफ्तर ने बताया कि अगर किसी वोटर के पास एक से ज्यादा वोटर आईडी होंगे तो ये जनप्रतिनिधि कानून की धारा 17 और 18 के तहत अपराध होगा। हाल ही में ओखला विधानसभा में 8 वोटरों पर गलत जानकारी देने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।