logo

ट्रेंडिंग:

किन मुद्दों पर एक जैसे हैं NDA, महागठबंधन और जन सुराज के चुनावी वादे?

बिहार विधासनभा चुनाव में इस बार लड़ाई सिर्फ एनडीए बनाम महागठबंधन की नहीं है। चुनावी मैदान में जन सुराज भी है। तीनों दलों की ओर से क्या वादे किए गए हैं, उनमें समानता क्या है, आइए समझते हैं।

Bihar Vidhan Sabha Election 2025

नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर। (Photo Credit: PTI)

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए, महागठबंधन और प्रशांत किशोर ने अलग-अलग वादे किए हैं। तीनों दलों को घोषणापत्र में कुछ समानताएं हैं। रोजगार, निवेश और महिला सुरक्षा को लेकर तीनों दलों के वादे काफी हद तक मिलते-जुलते हैं।  एनडीए का 'संकल्प पत्र' इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश पर ज्यादा जोर दे रहा है, वहीं महागठबंधन का 'तेजस्वी प्रण' कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित है। महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र में बिहार के 2.1 करोड़ से ज्यादा परिवारों के लिए सरकारी नौकरी का वादा किया है। जन सुराज का घोषणापत्र पलायन, सामाजिक न्याय, व्यवस्था परिवर्तन, शिक्षा और रोजगार पर केंद्रित है।

जन सुराज, एनडीए और महागठबंधन तीनों को घोषणापत्र में कई वादे हैं, जो एक-दूसरे से प्रभावित हैं। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि बिहार की मूल समस्याएं ही एक सी हैं। रोजगार, कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और महिलाओं के सशक्तिकरण के इर्दगिर्द सभी पक्षों के चुनावी वादे घूम रहे हैं। राज्य में गरीबी, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और पलायन का मुद्दा छाया हुआ है। 

यह भी पढ़ें: BJP के कर्पूरी ठाकुर वाले दांव को PK ने लपका, असर क्या होगा?

राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो में कॉमन क्या है?

  • रोजगार: तीनों घोषणापत्रों में रोजगार की बात कही गई है। एनडीए के घोषणा पत्र में 1 करोड़ नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है। महागठबंधन का वादा है कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे। जन सुराज का कहना है कि सर्विस सेक्टर को इतना मजबूत कर देना है कि किसी को भी 10-20 हजार रुपये की नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। महागठबंधन ने तो 20 दिनों में कानूनी प्रावधान बनाकर सरकारी नौकरी 20 महीने के भीतर देने का वादा किया है। जन सुराज ने 'रोजगार की गारंटी' का वादा किया है। 

  • शिक्षा: एनडीए का वादा है कि अगर सत्ता में आए तो उच्च शिक्षा की दिशा में क्रांतिकारी काम करेंगे। विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए एजुकेशन सिटी की स्थापना पर जोर, 5000 करोड़ रुपये से प्रमुख जिला स्कूलों का होगा कायाकल्प करने का वादा किया गया है। तकनीक आधारिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा, नए विश्वविद्यालय बनेंगे। पिछड़ों को शिक्षा में ज्यादा मजबूती से हिस्सेदारी दी जाएगी। जन सुराज का जोर है कि हर वंचित वर्ग तक मुफ्त शिक्षा पहुंचे, बेहतर संसाधन के मौके मिलें। महागठबंधन ने वादा किया है कि हर अनुमंडल में महिला कॉलेज और डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। एनडीए ने केजी-पीजी तक मुफ्त शिक्षा और स्किल लैब्स पर जोर दिया है। 

  • स्वास्थ्य: जन सुराज का वादा है कि हर पंचायत में क्लिनिक और जिला स्तर पर सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जाएंगे। महागठबंधन का वादा है कि 25 लाख तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। एनडीए ने वादा किया है कि हर व्यक्ति को 5 लाख तक मुफ्त इलाज मिलेगा, हर जिले में मेडिकल कॉलेज का निर्माण जल्द पूरा किया जाएगा।

  • MSP: जन सुराज और महागठबंधन का कहना है कि अगर सरकार बनी तो MSP की कानूनी गारंटी दी जाएगी। किसानों के लिए दशकों से बंद मंडी और बाजार समिति को बहाल किया जाएगा। न्यूतनम समर्थन से अतिरिक्त भी हम खरीद की जाएगी, भुगतान भी किया जाएगा। दूसरी तरफ एनडीए का वादा है कि पंचायत स्तर पर प्रमुख फसलों की खरीद और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर में 1 लाख करोड़ निवेश किया जाएगा। 

  • महिला: शिक्षा, सुरक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और रोजगार पर तीनों पक्षों का जोर है। जन सुराज महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। महागठबंधन 'माई-बहिन' योजना के तहत 2500 रुपये मासिक सहायता और 30 हजार सालाना देने का वादा किया है। महागठबंधन ने BETI और MAI योजना का भी एलान किया है, जिससे महिलाओं को रोजगार परक ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी जीविका दीदियों को स्थाई किया जाएगा, सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा, वेतन 30 हजार रुपये प्रति माह होगा। एनडीए ने लक्ष्य रखा है कि बिहार में 1 करोड़ 'लखपति दीदियों' को तैयार किया जाएगा।
    यह भी पढ़ें: नौकरी, उद्योग, 'पंचामृत गारंटी', NDA के संकल्प पत्र में क्या है?
  • सुशासन: भ्रष्टाचार मुक्त शासन, पारदर्शी राजनीति और जाति-धर्म से ऊपर विकास-केंद्रित मॉडल, जन सुराज और महागठबंधन ने अलग-अलग वादा किया है। जन सुराज ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में और जन-भागीदारी पर जोर दिया है। जनता के सुझावों और जनभागीदारी से सरकार चलाने की घोषणा की गई है। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। महागठबंधन ने वादा किया है कि अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। एनडीए ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए उच्च स्तरीय समिति गठन की बात करता है। एनडीए की मौजूदा सरकार का वादा है कि बिहार को जंगलराज से दूर रखा जाएगा। 

  • गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा: एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज, तीनों की तरफ से गरीबी हटाओ, पेंशन और आर्थिक सहायता योजनाओं का एलान हुआ है।  तीनों ही घोषणापत्रों में गरीबी उन्मूलन केंद्र में है। जन सुराज ने इसे मुख्य मुद्दा माना है। गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा के लिए तीनों दलों की तरफ से विधवा पेंशन, बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन, बेरोजगारी भत्ता, छात्रवृत्ति से जुड़े वादे किए गए हैं। महागठबंधन ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने का वादा किया है, प्रशांत किशोर ने सर्विस सेक्टर में व्यापक सुधार और निवेश का वादा किया है। महागठबंधन का वादा है कि किसानों को सींचाई के लिए फ्री बिजली दी जाएगी। महागठबंधन ने हर घर सरकारी नौकरी से गरीबी मिटाने का वादा किया है, एनडीए ने लोक कल्याणकारी योजनाओं, 1 करोड़ नौकरियों के वादे का लक्ष्य रखा है। एनडीए का जोर राज्य के ढांचागत विकास पर है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को राज्य के भीतर ही रोजगार मिलने की उम्मीद जताई गई है। पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 2000 रुपये की वित्तीय सहायता की भी बात कही गई है। 

  • इंफ्रास्ट्रक्चर: एक्सप्रेसवे, उद्योग और ग्रामीण विकास पर निवेश बढ़ाने का वादा हर पक्ष ने किया है। जन सुराज ने कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने का वादा किया है। महागठबंधन ने 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने का एलान किया है, वहीं एनडीए ने 7 एक्सप्रेसवे और 1 लाख करोड़ औद्योगिक निवेश की योजना का एलान किया है। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap