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गोल्डन ग्लोब्स में चूकी ये हिन्दुस्तानी फिल्म, खूब बटोरी थी सुर्खियां

ग्लोडन ग्लोब्स 2025 के विनर्स की लिस्ट सामने आ चुकी है। पायल कपाड़िया की फिल्म 'आल वी इमेजिन एज लाइट' अवॉर्ड जीतने से चूक गई।

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'ऑल वी इमेजिन एड लाइट' का पोस्टर (क्रेडिट इमेज- पायल कपाड़िया इंस्टा हैंडल)

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड शोज में से एक गोल्डन ग्लोब्स का नाम शामिल है। डायरेक्टर पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन एज लाइट को 2 कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था। पहला नॉमिनेशन बेस्ट नॉन इंग्लिश लैंगवेज मोशन पिक्चर कैटगरी में मिला था। दूसरा नॉमिनेशन पायल कपाड़िया को बेस्ट डायरेक्टर के लिए मिला था। फिल्म गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड में चूक गई। इस फिल्म से भारतीयों को काफी उम्मीदें थी।

 

गोल्डन ग्लोब्स में बेस्ट नॉन इंग्लिश लैंगवेज मोशन पिक्चर का अवॉर्ड 'एमीलिया पेरेज' ने जीता। ये फ्रेंच फिल्म है जिसका निर्देशन जैक्स ऑडियार्ड ने किया है। इस फिल्म ने क्रिटिक्स को खूब इंप्रेस किया था। इस कैटेगरी में ब्राजील की I'm Still Here, जर्मन फ्रांस ईरान की जॉइंट प्रोडक्शन The Seed Of The Sacred Fig, पोलैंड स्वीडन डेनमार्क की The Girl With The Needle शामिल थी।

 

बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड जीतने से चूकीं पायल

 

गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड पायल कपाड़िया नहीं 'द ब्रुटलिस्ट' डायरेक्ट करने वाली ब्रैडी कॉर्बेट को मिला हैं। इस अवॉर्ड के लिए पायल कपाड़िया को भी नॉमिनेट किया गया था। 

 

कौन हैं पायल कपाड़िया

 

पायल कपाड़िया ने साल 2015 से 2018 तक भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान से फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की है। साल 2017 में उनकी शॉर्ट फिल्म 'आफ्टरनून क्लाउड्स' को कान के लिए चुना गया। उन्होंने साल 2014 से लेकर 2024 तक चार शॉर्ट फिल्में बनाई हैं। उनकी फिल्म ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ को कान फिल्म फेस्टिवल 2021 में 'द गोल्डन आई' का अवॉर्ड मिला था। उनकी फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हुई हैं। कान में फिल्म को ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड दिया गया। ये पिछले 70 सालों में पहली भारतीय फिल्म जिसने Grand Prix अवॉर्ड जीता है। कान्स में जीतने के बाद पायल की फिल्म कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीत चुकी हैं।

 

क्या है 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' की कहानी

 

फिल्म में प्रभु और अनु नाम की दो नर्स की कहानी को दिखाया गया है जो मलियाली हैं और मुंबई में रहती हैं। दोनों अपनी लाइफ में स्ट्रगल कर रही हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि आज के समय में महिलाओं को पुरुष प्रधान समाज में किस तरह से देखा जाता है। फिल्म में महिलाओं के हक को बखूबी दिखाया गया है। फिल्म की कहानी फेमिनिस्ट विचार धारा को बल देती है। फिल्म में दिव्य प्रभा, कनी कुश्रुति और छाया कदम ने शानदार एक्टिंग की है।

 

 

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