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गुरु रंधावा का किसानों को समर्थन करना पड़ा भारी, बुरी तरह हुए ट्रोल

पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा ने किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया हैं। रंधावा के पोस्ट करने के तुरंत बाद कई यूजर्स ने उन्हें ट्रोल भी किया।

Guru Randhawa On farmer protest

पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा, Image Credit: x/@GuruOfficial

एमएसपी गांरटी कानून बनाने सहित विभिन्न मांगों के संबंध में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। देशभर में जगह-जगह पर आंदोलन हो रहे हैं। आज 16 दिसंबर को किसानों ने पंजाब को छोड़कर देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने का आह्नन किया है। इनके समर्थन में कई सेलेब्स उतरें हैं।

 

इसी कड़ी में अब पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा भी किसानों के सपोर्ट में आए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने सरकार से किसानों से बैठकर बात करने के बारे में लिखा है ताकि इस आंदोलन को खत्म किया जा सके। 

 

गुरु ने किसानों का समर्थन किया

गुरु ने पहले अपने ट्वीट में 'पंजाब' का ज़िक्र किया। इसके बाद एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा था, 'किसान हमारे देश के हर घर को भोजन उपलब्ध कराते हैं। उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए। हमारे सरकारी अधिकारियों से अनुरोध है कि कृपया बैठकर किसानों के अधिकारियों से चर्चा करें।'

 

 

 

हालांकि, गुरु ने जैसे ही एक्स पर अपना पोस्ट शेयर किया वैसे ही सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे। एक यूजर ने उनके पोस्ट के पीछे की वजह पूछी जिसपर गुरु ने कहा कि वह किसान परिवार से हैं इसलिए वह किसानों के साथ खड़े हैं और भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं। एक अन्य पोस्ट में गुरु ने बताया कि वह सरकार से सिर्फ यह आग्रह कर रहे हैं कि किसानों को अपनी जरूरतें बताने का मौका दिया जाए और फिर तय किया जाए कि वे क्या करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'आइए एकजुट हों और अपने देश का समर्थन करें। मेरी मिट्टी, मेरा देश दुनिया का सबसे अच्छा देश है। बस, यही है।'

 

 

विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे?

किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वो अन्य मुद्दों के अलावा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। भारती किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। 

 

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को बताया कि सोमवार (16 दिसंबर) को पंजाब के बाहर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च के बाद 18 दिसंबर को पंजाब में 'रेल रोको' किया जाएगा। यह घोषणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा चिंताओं के कारण पुलिस द्वारा रोके गए 101 किसानों के 'जत्थे' को दिन भर के लिए वापस बुलाए जाने के कुछ घंटों बाद की गई। बता दें कि 2020 में, बड़ी संख्या में किसानों ने मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से, दिल्ली के सीमा बिंदुओं-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था। 

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