90 के दशक में सुपरस्टार गोविंदा के नाम का सिक्का चलता था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1986 में की थी। उस दौर में वह एक बार में 14 फिल्में साइन करते थे। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया था कि वह कहानी बिना सुने ही फिल्में साइन कर देते थए। जब वो सेट पर जाते थे तब डायरेक्टर उन्हें कहानी बताता था। उनके फिल्मों के ज्यादातर कैरेक्टर रियल लाइफ से प्रेरित होते थे। उस समय में उनका स्टाइल सबसे अलग था।
वह अपने किरदार के साथ एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते थे। वो कुछ भी पहनते थे वो उस समय का स्टाइल स्टेटमेंट बन जाता था। उस जमाने में हर गोविंदा जैसा दिखना चाहता था। उन्हें आज भी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग के लिए जाना जाता है। उनके हर किरदार में अनोखापन दिखता था।
अमिताभ-रजनीकांत जैसी थी फैन फॉलोइंग
1991 में 'हम' के दौरान उनका करियर अपने पीक पर था। उस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे स्टार्स मुख्य भूमिका में थे। एक इंटरव्यू में अमिताभ ने बताया था कि हम सभी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उस समय सेट पर कुछ फैंस सिर्फ गोविंदा का ऑटोग्राफ लेने पहुंचे थे। इस लेवल की फैन फॉलोइंगी थी।
जानें कब आया करियर में डाउनफॉल
2000 के दशक में गोविंदा का करियर पटरी से उतरने लगा। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने लगी। अपने अकड़ की वजह से उन्होंने कई फिल्मों को रिजेक्ट कर दिया था। इस लिस्ट में 'ताल', 'देवदास', 'गदर' जैसी फिल्मों का नाम शामिल हैं। ये दोनों ही फिल्में क्लासिक हिट रही थी। उन्होंने 'हैप्पी एंडिंग' और 'किल दिल' में सपोर्टिंग रोल प्ले किया। उनकी ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली। उन्होंने फिल्मों के अलावा राजनीति में भी एंट्री ली। राजनीति में आने से उनके करियर को बहुत नुकसान हुआ। मेकर्स को लगने लगा कि अब वो फिल्में नहीं करना चाहते हैं।
फिल्मों में कमबैक करेंगे गोविंदा
'आ गया हीरो' से उन्होंने कम बैक किया था लेकिन वो फिल्म फ्लॉप हो गई। लंबे समय बाद वह फिर से बॉलीवुड में वापसी करने वाले हैं। 'द ग्रेट इंडियन कपिल शर्मा शो' में उन्होंने बताया कि वह तीन फिल्मों पर काम कर रहे हैं। पहली 'बाये हाथ का खेल', दूसरी 'पिंकी डार्लिंग' और तीसरी फिल्म 'लेन देन: इट्स ऑल अबॉट बिजनेस' है।