ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित महागुन मंत्र की एक सोसायटी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में इस सोसायटी के टावर में एक महिला अपने कुत्ते को बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रही है। वायरल वीडियो पर पशु प्रेमी कावेरी राणा ने नाराजगी जताई।
कावेरी राणा ने वीडियो को एक्स पर पोस्ट करते हुए नोएडा पुलिस से सख्त कार्वआई की मांग की है। कावेरी राणा के इस पोस्ट को बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी अपने एक्स पर साझा किया। एक्ट्रेस के इस पोस्ट को शेयर करने के बाद मामला और गरमा गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह वीडियो
पालतू कुत्ते के साथ हुई मारपीट के वीडियो पर कावेरी ने नोएडा पुलिस, बिसरख थाना पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को टैग किया और सख्त कारवाई की अपील की। क्रूरता की हदें पार देने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। यूजर्स गुस्से में हैं और कई पशु प्रेमियों ने भी इस मामले में एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।
जानवरों के साथ हो रही क्रूरता पर उठे सवाल
बता दें कि ग्रेटर नोएडा और आसपास के सोसायटी में पालतू कुत्तों के साथ हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, इस घटना के बाद फिर से सवाल खड़े हो रहे है कि सोसायटी में पालतू कुत्तों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पालतू कुत्ते या किसी जानवर के साथ दुर्व्यवहार करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) में पशु क्रूरता से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। जानवरों की सुरक्षा के लिए बीएनएस में अधिक कठोर दंड की व्यवस्था की गई है।
पशुओं के प्रति क्रूरता- कौन सी धाराओं के तहत मिलती है सजा
बीएनएस की धारा 321 पशुओं को अनावश्यक दर्द या पीड़ा पहुंचाने से संबंधित है। वहीं, धारा 322 (बीएनएस)-पशुओं को मारना या अपंग बनाना है। इसके तहत कठोर सजा दिए जाने का प्रावधान है। धारा 323 (बीएनएस) के तहत पशुओं को जहर देने की कोशिश में जुर्माना और 6 महीने की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा धारा 324 (बीएनएस)- पशुओं की लड़ाई और उससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के खिलाफ भी सख्त प्रावधान को शामिल किया गया हैं।
बदलाव जरूरी
सख्त लाइसेंसिंग होना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जानवरों को मानवीय परिस्थितियों में रखा जाए।
दंड और जुर्माने में वृद्धि की जाए। पशु क्रूरता से जुड़े दंड और जुर्माने की समय-समय पर समीक्षा की जाएं।
पशु कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकें।