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सैफ के लिए एक और मुश्किल, छिन सकती है 15000 करोड़ की संपत्ति?

सैफ अली खान की भोपाल स्थित करीब 15 हजार करोड़ की संपत्ति शत्रु संपत्ति में आती है। कोर्ट के आदेश के बाद अब इस पर तलवार लटक रही है।

सैफ अली खान । Photo Credit: Insta

सैफ अली खान । Photo Credit: Insta

सैफ अली खान अस्पताल से तो वापस आ गए लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ऐक्टर सैफ अली खान को 15 हजार करोड़ की शत्रु संपत्ति के मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ अपीलीय अथॉरिटी में जाने का निर्देश दिया है। अदालत ने सैफ की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें जो उन्होंने केंद्र सरकार के उस निर्देश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें भोपाल में पटौदी परिवार की 15 हजार करोड़ रुपये की ऐतिहासिक प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था।

 

शत्रु संपत्ति अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए व्यक्तियों की संपत्तियों पर दावा कर सकती है। इसे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1968 में लागू किया गया था।

 

2014 में शत्रु संपत्ति विभाग के कस्टोडियन ने एक नोटिस जारी कर भोपाल में पटौदी परिवार की संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित किया। भारत सरकार द्वारा 2016 में जारी अध्यादेश के बाद विवाद और बढ़ गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि पटौदी परिवार की ऐसी संपत्तियों पर उनके वारिस का कोई अधिकार नहीं होगा।

कौन सी प्रॉपर्टी जांच के दायरे में

जांच के दायरे में आने वाली प्रमुख संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ ने अपना बचपन बिताया, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा प्रॉपर्टी शामिल हैं। अदालत 2015 से ही इस मामले में सुनवाई कर रही थी। 

 

13 दिसंबर को सुनवाई के दौरान डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने अदालत को बताया कि 'शत्रु संपत्ति से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए एक अपीलीय प्राधिकरण का गठन किया गया है।'

30 दिनों में दाखिल करना था रिप्रेजेंटेशन

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने आदेश सुनाते हुए यह भी कहा था कि संशोधित शत्रु संपत्ति अधिनियम, 2017 के तहत एक वैधानिक उपाय मौजूद है, और कहा कि संबंधित पक्ष 30 दिनों के भीतर अपना रिप्रेंजेंटेशन दाखिल कर सकते हैं।

 

अदालत ने कहा, 'यह निर्देश दिया जाता है कि यदि आज (13 दिसंबर) से 30 दिनों के भीतर रिप्रेजेंटेशन दाखिल किया जाता है, तो अपीलीय प्राधिकारी अपील करने की समय सीम के पहलू पर ध्यान नहीं देगा और अपील पर सुनवाई उसके मेरिट के आधार पर होगी।

12 जनवरी तक करनी थी अपील

अदालत के आदेश के अनुसार, खान को 12 जनवरी तक न्यायाधिकरण में अपील करनी थी, लेकिन इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उन्होंने ऐसा किया या नहीं। 

 

भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया, 'मैंने अभी तक आदेश नहीं देखा है। हम कोई भी कदम उठाने से पहले आदेश का अध्ययन करेंगे। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि खान ने न्यायाधिकरण में अपील की है या नहीं।'

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