सुनील दत्त और नरगिस के बेटे संजय दत्त हैं। संजय आज के समय में सुपरस्टार हैं। उन्होंने हिंदी से लेकर साउथ बेल्ट तक में अपनी दमदार एक्टिंग का जलवा बिखेरा है। संजय हिंदी सिनेमा के वर्सेटाइल एक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने कई फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई हैं। एक्टर की प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा पर्सनल लाइफ सुर्खियों में रही हैं। संजय की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव से भरी हुई है। उनकी लाइफ पर फिल्म संजू भी बनी है जिसमें उन्होंने अपने जिंदगी के बारे में दर्शकों को बताया है। एक्टर ड्रग एडिक्ट रह चुके हैं। आज हम आपको उनकी लाइफ से जुड़ा दिलचस्प किस्सा सुना रहे हैं।
संजय ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि वो ड्रग एडिक्ट थे। वो हर तरह का नशा करते थे। अपने इस लत की वजह से घंटों तक वॉशरूम में रहते थे। उन्हें पता नहीं चलता था कि कब क्या हो गया।
कब सोचा छोड़ देंगे ड्रग्स का नशा
वास्तव एक्टर ने कहा, 'एक बार मैंने ड्रग्स का नशा किया और शाम को सो गया। मैं सोकर उठा और मुझे बहुत तेज भूख लगी थी। मैंने अपने नौकर से खाना मांगा। उन्होंने बताया कि आप दो दिन बाद आज उठे हो। वो रोन लग गए। सब लोग इतना परेशान हो गए थे। पहले तो मुझे इस बात पर यकीन नहीं हुआ। इसके बाद मैंने अपना चेहरा आइने में देखा और मुझे एहसास हुआ कि मैं मर जाऊंगा। इसके बाद मैंने अपने पिता से मदद मांगी'।
फिल्में नहीं करना चाहते थे संजय
एक्टर ने बताया कि जब मैं रिहैब से अपना ट्रीटमेंट करवाकर आया तो किसी को पता नहीं था मैं वापिस आ गया हूं। मुझे सबसे पहला मेरा ड्रग पैडलर मिलने आया ड्रग्स के पैकेट लेकर। मैंने उसे मना कर दिया और मैं समझ गया कि मैंने ये जंग जीत ली। मैंने अपने पिता से कहा था, 'मैं वापिस भारत नहीं आना चाहता हूं। मैं अपने दोस्त बिल के साथ टेक्सेस में ही बिजनेस करना चाहता हूं'।
उन्होंने मुझसे कहा, 'तुम मेरे लिए वापिस आ जाओ'। मैंने अपने पिता से कहा, 'मैं खुद को एक साल दूंगा।अगर कुछ हो गया तो ठीक नहीं तो वापिस चला जाऊंगा। साल खत्म होने में 2 महीने बचे थे तब मुझे फाइट मास्टर पप्पू वर्मा मिलने आए'। उन्होंने कहा, 'मैं आपके साथ फिल्म बनाना चाहता हूं। मैंने कहा मेरे पास सिर्फ 2 महीने है। मैं चला जाऊंगा'। उन्होंने कहा, 'मैं दो महीने में ही फिल्म बना लूंगा'।