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अंग्रेजी से तंग आकर एक्टर छोड़ना चाहता था NSD, कैसी की 22 हॉलीवुड मूवी

ये एक्टर अंग्रेजी से तंग आकर एनएसडी छोड़ना चाहते थे। फिर कैसे उन्होंने बाद में एक- दो नहीं बल्कि 22 अंग्रेजी फिल्मों में काम किया।

national school of drama

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा

बॉलीवुड में ऐसे कई सितारे आए जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अलग मुकाम हासिल किया। 70 के दशक में नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी, ओम पुरी जैसे स्टार्स का बोलबाला था। आज हम आपको एक ऐसे सितारे के बारे में बता रहे हैं जिसने अपनी पढ़ाई पंजाबी और हिंदी में की थी। उनका बचपन गरीबी में बीता था। उन्होंने अपने परिवार को पालने के लिए कई छोटी-मोटी नौकरियां की थी। उन्होंने अपने सपनों को कभी टूटने दिया। अपने इंटरव्यू में एक्टर ने बताया था कि मुझे मेरे दोस्तों ने पाला है। इन लोगों ने मेरा उस समय में बहुत साथ दिया। हम बात कर रहे हैं दिग्गज अभिनेता ओम पुरी की। 

 

ओम पुरी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक रोल निभाया था। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया कि वह पढ़ाई के साथ कॉलेज में लाइब्रेरियन का काम करते थे। मैं हमेशा से नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जाना चाहता था। मैंने बिना किसी को बताए एनएसडी का फॉर्म भर दिया था। एडमिशन मिलने के बाद मैंने सबको बताया था। मैंने एक्टिंग सीखने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ज्वाइन कर लिया।

 

क्यों एनएसडी छोड़ना चाहते थे ओम पुरी

 

ओम ने बताया, 'एनएसडी में अंग्रेजी में पढ़ाई होती थी। मैं उस भाषा से तंग आ गया था। मैंने सोच लिया था कि अब एनएसडी छोड़कर चला जाऊंगा। उस समय मेरे टीचर्स ने मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी अखबार पढ़ो। अपने दोस्तों के साथ अंग्रेजी में बात करना शुरू करो। इन चीजों से मुझे मदद मिली और मेरी अंग्रेजी बेहतर हो गई। उस दौरान नसीरुद्दीन ने मेरी काफी मदद की थी। उन्होंने संघर्ष के दिनों में मेरा बहुत साथ दिया। उन्होंने आगे बताया कि मैंने नसीर के कहने पर ही फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया'।

 

आक्रोश एक्टर ने आगे कहा था, 'मेरे माता-पिता ने मुझे बस पैदा किया था। मुझे दोस्तों ने ही पाला है'। उन्होंने कहा, 'मैं गरीब परिवार से आता था। मेरे पास FTII में पहनकर जाने के लिए अच्छे कपड़े नहीं थे। नसीरुद्दीन मुझे अपनी शर्ट दे देते थे'।

 

ओम पुरी का करियर

 

ओम पुरी ने अपने करियर की शुरुआत पहली मराठी फिल्म घासीराम कोतवाल थी। उन्होंने 1980 में फिल्म 'आक्रोश' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। उनकी पहली फिल्म ने धमाल मचा दिया था। उनके काम को 'आरोहण', 'अर्द्ध सत्य' जैसी फिल्मों से पहचान मिली थी। उन्होंने अलग-अलग जोनर की फिल्में की थी। वह हमेशा से ही एक्सपेरिमेंट करने में यकीन रखते थे। बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में उनके काम का डंका बजा। उन्होंने ‘सिटी ऑफ जॉय’, वुल्फ, ‘ब्रदर्स इन ट्रबल’, ‘द घोस्ट एंड द डार्कनेस’, ‘सच ए लॉन्ग जर्नी’, ‘द पैरोल ऑफिसर’, ‘हैप्पी नाऊ’ जैसी इंग्लिश फिल्मों में काम किया।

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