मिस वर्ल्ड दुनिया का सबसे पुराना और प्रेस्टिजियस ब्यूटी पेजेंट है, जिसकी शुरुआत 1951 में हुई थी। इसमें सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, बल्कि इंटेलिजेंस, टैलेंट, और सोशल अवेयरनेस भी बेहद मायने रखते है। आसान भाषा में समझें तो मिस वर्ल्ड चुनने की प्रक्रिया कई चरणों में होती है और इसमें दुनियाभर की युवा लड़कियां हिस्सा लेती हैं।
सबसे पहले, हर देश में एक नेशनल कॉम्पिटिशन होता है, जैसे भारत में मिस इंडिया, थाईलैंड में मिस यूनिवर्स थाईलैंड, वगैरह। इसमें हजारों लड़कियां हिस्सा लेती हैं, जो 18 से 27 साल की होती हैं और अविवाहित होती हैं। कुछ खास नियमों जैसे लंबाई, एजुकेशन इसमें बेहद मायने रखता हैं। हर देश अपनी विजेता चुनता है, जो फिर मिस वर्ल्ड में उस देश का प्रतिनिधित्व करती है। उदाहरण के लिए, 2025 में थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंगसरी ने मिस वर्ल्ड थाईलैंड जीता और फिर मिस वर्ल्ड 2025 का ताज हासिल किया।
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प्री-जजिंग राउंड सबसे कठिन
जब ग्लोबल मिस वर्ल्ड कॉम्पिटिशन शुरू होता है, तो 100 से अधिक देशों की विजेता एक जगह इकट्ठा होती हैं। यह इवेंट आमतौर पर 2-3 हफ्ते चलता है और कई राउंड होते हैं। पहले राउंड में, सभी प्रतियोगी अलग-अलग गतिविधियों में हिस्सा लेती हैं, जिन्हें 'हेड-टू-हेड चैलेंज' या प्री-जजिंग राउंड कहते हैं। इसमें शामिल हैं:
ब्यूटी विद ए पर्पस: यह सबसे अहम हिस्सा है। हर प्रतियोगी एक सामाजिक मुद्दे (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण) पर अपना प्रोजेक्ट पेश करती है। मिस वर्ल्ड का मकसद 'उद्देश्य के साथ सुंदरता' को बढ़ावा देना है, इसलिए जो लड़की समाज के लिए कुछ खास कर रही होती है, उसे खूब सराहना मिलती है।
टैलेंट राउंड: इसमें डांस, सिंगिंग, या कोई अनोखी कला दिखाई जाती है। इससे उनकी प्रतिभा का पता चलता है।
स्पोर्ट्स चैलेंज: इसमें शारीरिक फिटनेस और टीमवर्क की जांच होती है, जैसे दौड़, खेल या फिटनेस टास्क।
मल्टीमीडिया चैलेंज: सोशल मीडिया पर लोकप्रियता, कम्युनिकेशन स्किल्स और फैन सपोर्ट देखा जाता है।
टॉप मॉडल राउंड: इसमें रैंप वॉक, डिजाइनर कपड़े और स्टाइल देखा जाता है।
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पर्सनालिटी, आत्मविश्वास और कम्युनिकेशन को परखना
इन राउंड्स में अच्छा करने वाली लड़कियां सेमीफाइनल में पहुंचती हैं, जहां जज उनके पर्सनालिटी, आत्मविश्वास और कम्युनिकेशन को परखते हैं। फिर टॉप 10-20 में पहुंचने वालों का इंटरव्यू होता है, जहां उनसे इंटेलिजेंस, टैलेंट, और सोशल अवेयरनेस पर सवाल पूछे जाते हैं। आखिरी राउंड में, टॉप 5 या टॉप 3 को एक अंतिम सवाल का जवाब देना होता है, जैसे 'दुनिया में शांति के लिए आप क्या करेंगी?'
जज उनके जवाब, ग्रेस और आत्मविश्वास को देखते हैं। ओपल से सोनू सूद ने सवाल किया था कि इस सफर ने आपको सच्चाई और जिम्मेदारी के बारे में क्या सिखाया? इसके जवाब में ओपल ने कहा, 'मैंने सीखा कि जिम्मेदारी बहुत बड़ी चीज है। हमें वह इंसान बनना चाहिए जिस पर हमारे अपने गर्व कर सकें। चाहे आप कितनी भी ऊंचाई पर हों, लोग आपको देखते हैं और आपके कर्म मायने रखते हैं।'
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ओपल सुचाता चुआंगसरी
फाइनल में, विजेता का ऐलान होता है। 2025 में, हैदराबाद में 31 मई को हुए ग्रैंड फिनाले में ओपल सुचाता चुआंगसरी ने यह खिताब जीता। विजेता को ताज, पुरस्कार राशि (लाखों रुपये) और एक साल तक सामाजिक कार्यों के लिए दुनियाभर में घूमने का मौका मिलता है। इस तरह, मिस वर्ल्ड न सिर्फ सुंदरता, बल्कि दिल, दिमाग और सेवा की भावना से चुनी जाती है!