भारतीय सिनेमा की पहली साइलेंट फीचर फिल्म का नाम क्या है? अगर आपसे GK (सामान्य ज्ञान) की क्लास में कोई सवाल करे तो तपाक से जवाब दीजिए राजा हरिश्चंद्र। बॉम्बे के कोरोनेशन हॉल में पहली बार इस सिनेमा का प्रीमियर हुआ। इसके नाम ही हिंदुस्तान की पहली फिल्म होने का रिकॉर्ड है। यह फिल्म सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कहानी है। वही राजा, जिसने सत्य और वचन के लिए अपना सबकुछ लुटा बैठे थे।
राजा हरिश्चंद्र, भारत के महान राजा की कहानी थी। उन्होंने अपने वचन के लिए राज-पाट त्याग दिया, पत्नी और बच्चे को बेच दिया, खुद दास बन गए। फिल्म में उनके संघर्षों की कहानी दिखाई गई है। यह फिल्म 2 मई 1913 को पहली बार बॉम्बे को कोरोनेशन सिनेमा में रिलीज हुई थी। फिल्म को बनाया था फिल्म जगत के पितामह कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के ने।
कैसे इस सिनेमा ने बदली भारतीय सिनेमा की तस्वीर?
यह पहली पूरी फीचर फिल्म थी, जो भारतीय सिनेमा के लिए क्रांतिकारी साबित हुई। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही फिल्म उद्योग अस्तित्व में आया और अनगिनत सितारों को उनकी पहचान मिली। यह फिल्म सुपरहिट रही। लोग सिनेमा के बारे में जाने।
कौन थे भारतीय सिनेमा के पहले हीरो?
भारतीय सिनेमा के पहले हीरो का खिताब भी इसी फिल्म ने दिलाया। इस फिल्म के हीरो थे दत्तात्रेय दामोदर दबके। उन्हें डीडी दबके के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने ही फिल्म में राजा हरिश्चंद्र की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में बालचंद्र फाल्के और गजन वासुदेव साने ने भी अभिनय किया था। वे सत्यवादी राजा हरीश्चंद्र,लंका दहन और श्री कृष्ण जन्म जैसे फिल्मों में काम किया। उन्होंने साल 1924 में अपने करियर की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र का रिमेक बनाया था।
कब रिलीज हुई थी पहले हीरो की पहली फिल्म?
मुख्य अभिनेता के तौर पर डीडी दबके की पहली फिल्म 21 अप्रैल 1913 को बॉम्बे के ओंलपिया थिएटर में रिलीज हुई थी। यह फिल्म हिट रही। नेशनल फिल्म आर्काइव में इस फिल्म की पहली और आखिरी रील रखी गई है। फिल्म के कुछ हिस्से लापता हैं। सरकार ने भी इसी फिल्म को भारत का पहला इंडियन फीचर फिल्म माना है।